जिले का सर्वोच्च अधिकारी डीएम को माना जाता है। अधिकांश ऑफिशियल फैसले और आदेश डीएम के द्वारा ही दिए जाते हैं। आज हम आप से चर्चा करेंगे मथुरा के डीएम नवनीत चहल की। नवनीत चहल ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक “बंदर” उन्हें सड़क पर करीब 20 मिनट तक परेशान करेगा। बता दें कि जन्माष्टमी की देर रात वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में प्रशासनिक लापरवाही की वजह से गर्मी, उमस के साथ भीड़ बेकाबू हो गई थी। दम घुटने से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 6 घायल हैं। यह घटना शनिवार तड़के 3 बजे बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद मंगला आरती के दौरान हुई। इस हादसे में प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए पूरे मामले की एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देनी है। हादसे की जांच करने के लिए रविवार दोपहर मथुरा के डीएम नवनीत चहल प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के साथ बांके बिहारी मंदिर पहुंचे थे। मंदिर के बाहर एक शरारती बंदर डीएम चहल का चश्मा छीन कर फरार हो गया। बंदर पास में ही छत पर जाकर बैठ गया। डीएम नवनीत चहल सड़क पर खड़े होकर बंदर से चश्मा मिलने की आस लगाए हुए करीब 20 मिनट तक खड़े रहे। लेकिन बंदर ने चश्मा उनका वापस नहीं किया। डीएम के साथ मौके पर तमाम प्रशासनिक अधिकारी दरोगा सिपाही भी बंदर से डीएम का चश्मा लगाने की गुहार लगाते रहे। लेकिन बंदर अपनी जिद पर अड़ा रहा । यह सब काफी देर तक चलता रहा आखिरकार डीएम चहल का भी चेहरे पर मायूसी के भाव दिखने लगे। कभी जिलाधिकारी बंदर की ओर देखते कभी पास पर मौजूद अधिकारी और पुलिस कर्मियों की ओर देखते रहे। आखिरकार बाद में उन्होंने जेब से मोबाइल निकाला और उसी में टाइम पास करते रहे। जब तक भीड़ बढ़ती जा रही थी वहां मौजूद कई लोग इस पूरी घटनाक्रम का वीडियो भी बनाते रहे। आखिरकार उसी दौरान बहुत से लोगों ने बंदर से चश्मा वापस दिलाने के लिए एक आइडिया ढूंढ निकाला। ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी पास की दुकान से भागकर फ्रूटी ले आया। उसके बाद सिपाही ने सीढ़ियों पर चढ़कर बंदर को “फ्रूटी” पिलाई फिर जाकर उसने डीएम का चश्मा लौटाया। इतनी मशक्कत के बाद डीएम को बंदर से चश्मा मिल पाया।
यह पूरी घटना मथुरा के साथ सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। डीएम चहल जरूर सोच रहे होंगे कि अगर बंदर चश्मा ले गया था तो उसे ले जाने दिया होता। मामला इतना हाईलाइट न होता। मथुरा के जिला अधिकारी का बंदर चश्मा ले जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुटकी ली है। यादव ने ट्विटर पर लिखा, बंदर ने सोचा जब भाजपा के शासन में प्रशासन को चश्मा लगाकर भी कुछ नहीं दिखता है तो चश्मे का क्या काम, इसी के साथ अखिलेश यादव ने वीडियो भी शेयर किया है।