पिछले कई दिनों से जम्मू कश्मीर का अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि फांसी लगेगी या उम्र कैद होगी। आखिरकार दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं दूसरी ओर एनआईए मलिक को फांसी देने की मांग कर रहा था। यासीन मलिक को दिल्ली की विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग के दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसले के दौरान मलिक कोर्ट रूम में मौजूद रहा। मलिक को दो अपराधों आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना) के लिए दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन मलिक को कुल 8 मामलों में सजा सुनाई गई है। सजा सुनने के बाद यासीन मलिक ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था। यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। यासीन मलिक ने कई जघन्य अपराध किए हैं, जिनमें सुरक्षाबलों पर हमलों से लेकर स्कूल जलाने, राजद्रोह, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना है। सजा से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वहीं श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए और वहां भारी फोर्स तैनात है। सुरक्षा के लिहाज से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बैन कर दी गई है। उसके बाद बावजूद श्रीनगर के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुई हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है।