हिमाचल प्रदेश के लोगों ने सोचा भी नहीं होगा इस बार मानसून की बारिश इतना कहर बरपाएगी। लगातार बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश में डर और दहशत का माहौल है। बारिश और भूस्खलन की वजह से हर दिन राज्य में बड़ी तबाही हो रही है। तेज सैलाब में लगातार पुल बह रहे हैं। हिमाचल के लोग बर्बादी देखने के लिए विवश हैं। हिमाचल प्रदेश की सरकार प्राकृतिक आपदा के आगे कुछ नहीं कर पा रही है। केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं लेकिन बारिश का सैलाब जो रास्ते में आता है सब को बहा ले जा रहा है। हिमाचल उत्तराखंड का पहाड़ियों से गंगा यमुना के मैदान तक भारी बारिश से सब पानी पानी हैं। उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है। आज राजधानी के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। ये सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। राजस्थान, चंडीगढ़ में भी बारिश से हालात बिगड़े हैं।
ऐसे ही पंजाब-हरियाणा में कई नदियां उफान पर हैं। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि इस राज्य के लोगों ने ऐसी बारिश कभी नहीं देखी है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोगों से अभी कुछ दिनों तक सतर्क रहने की अपील की है।हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने कोहराम मचा दिया है। सोलन के बद्दी नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में एक पुल का पूरा हिस्सा ही बह गया है। इसका वीडियो भी सामने आया है। नालागढ़ में एक ब्रिज पानी के तेज बहाव में चंद सेंकेंड के अंदर बह गया। इसके अलावा सोलन का चरणिया पुल भी तेज बहाव में बह गया।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटे से बारिश का तांडव देखने को मिल रहा है। हिमाचल की लगभग सभी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। मंडी का पंचवक्त्र मंदिर ब्यास नदी की लहरों में घिरा हुआ है। हिमाचल में जहां तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश से तबाही का मंजर है, वहीं छोटी काशी का यह मंदिर सुरक्षित है। मंदिर के शिखर के पास तक ब्यास का पानी पहुंचा लेकिन महादेव के इस मंदिर को नदी की धारा से क्षति नहीं पहुंची है।मंडी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर 300 साल से ज्यादा पुराना है। इसे तत्कालीन राजा सिद्ध सेन ( 1684-1727) ने बनवाया था। शिव की नगरी मंडी में निर्मित प्राचीन मंदिर एक समृद्धशाली इतिहास का साक्षी रहा है। इस मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिव की प्रतिमा के कारण इसे पंचवक्त्र नाम दिया गया है, जो कि गुमनाम मूर्तिकार की कला का बेजोड़ नमूना है। ब्यास नदी ने कुल्लू से मंडी तक जमकर कहर बरपाया है। भारी बारिश की वजह से 4 नेशनल हाइवे सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। कुल्लू से लेकर मनाली तक हाइवे बंद है। लेह मनाली हाइवे अटल टनल से आगे बंद है। चंबा पठानकोट राजमार्ग बनीखेत के पास धंस गया है। भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं।
सोमवार तक राज्य में 13 पुल बह गए। हिमाचल में भारी बारिश ने काफी तबाही मचाई है। कई लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों का घर मलबे में तब्दील हो चुका है। बारिश और बाढ़ की वजह से जन और धन दोनों का नुकसान हुआ है। हिमाचल में बीते 24 घंटे में बारिश की वजह से 8 लोगों की मौत हो गई है। राजधानी शिमला में 6 लोगों की मौत हुई है। शिमला के कुमारसैन के कोटगढ़ के मधावनी पंचायत के पनेवली गांव में पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने के कारण मकान मलबे में दब गया। हिमाचल पिछले तीन दिनों ने जमकर बारिश हो रही है। जिससे निचले इलाकों में जलजमाव हो गया है। राज्य की नदियां का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
तेज बारिश की वजह से पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में राज्य तीन नेशनल हाईवे बंद कर दिए गए हैं। जिन हाईवे पर आवागमन ठप है, उनमें कुल्लू से मनाली, सिरमौर से शिलाई, औट से जलोड़ी और मंडी से कुल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। यही नहीं राज्य में अन्य 831 सड़कों को भी बंद किया गया है। वहीं, मंडी जिले में स्थित 100 साल पुराना ऐतिहासिक लाल पुल भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया है।पिछले 2 दिनों से हो रही भारी बारिश ने प्रदेश में कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मंडी जिले में बारिश कहर बन कर टूटी है। बताया जा रहा है कि यहां आफत की इस बारिश से जिले में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, इसके अलावा बीते 24 घंटों में 2 लोगों की मौत हुई है।
रास्ते बंद होने की वजह से सैकड़ों पर्यटक पहाड़ी क्षेत्रों में फंस गए हैं। ज्यादातर पर्यटकों ने वीकेंड पर पहाड़ों का रुख किया था और रविवार को इन्हें वापस लौटना था, लेकिन भारी बरसात की वजह से पर्यटकों के वाहन सडक़ों पर नहीं निकल पाए। ज्यादातर वाहन कुल्लू, मनाली, मंडी और अपर शिमला में फंसे हैं।हिमाचल लगातार बारिश के बीच अब डरावनी तस्वीरें सामने आने लगी हैं। राज्य के नदी और नाले उफान पर हैं। रविवार को मंडी जिले में औट का 50 साल पुराना पुल बह गया। वहीं ब्यास नदी भी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। कुल्लू में पार्वती नदी उफान पर है। कसौल में पार्किंग में खड़ी 10 गाड़ियां बह गईं। वहीं ब्यास नदी में भी एक कार के बहने की सूचना है।देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश का अलर्ट जारी है। उत्तर और पूर्वोत्तर समेत दिल्ली में भारी बारिश हो रही है। दिल्ली में यमुना नदी का वाटर लेवल खतरे के निशान के पार है। सीएम केजरीवाल ने कहा- हमारा सिस्टम ऐसी बारिश के लिए नहीं बना। इस समय सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करना है।
आईएमडी दिल्ली की वैज्ञानिक सोमा सेन ने कहा, ‘हमने अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है और हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया है। कल से हिमाचल प्रदेश में बारिश कम होने की संभावना है, लेकिन उत्तराखंड में अगले 3 दिनों तक इसी तरह की या थोड़ी कम तीव्रता वाली बारिश होने की संभावना है। आज, पूर्वी पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दक्षिणी राजस्थान में भारी बारिश की उम्मीद है मनाली में रविवार को ब्यास नदी के किनारे बनी एक इमारत बाढ़ में ढह गई। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसकी पुष्टि पुलिस द्वारा की गई है। इस वीडियो को स्थानीय लोगों के द्वारा बनाया गया है, जिसमें दिख रहा है कि एक विशाल इमारत देखते ही देखते नदी में गिर जाती है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में कहा, ‘मैं हिमाचल के लोगों से फिर अनुरोध करता हूं कि अगले 24 घंटों तक अपने घरों में रहें क्योंकि अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना है। हमने आपदा से निपटने के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर (1100, 1070 और 1077) जारी किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर बात कर बारिश के हालातों का जायजा लिया।
किसी भी आपात स्थिति में आप इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं और मैं भी 24 घंटे आपकी सेवा के लिए उपलब्ध रहूंगा। वहीं मानसून की बारिश ने इन दिनों उत्तराखंड में कहर बरपाया हुआ है। प्रदेश के पहाड़ी जिलों से लेकर मैदानी इलाके पानी के आगोश में समा गये हैं। पानी सुनामी बनकर बह रहा है। उत्तरकाशी जिले में भी सुपिन नदी उफान है। जिसके कारण मोरी विकासखंड के करीब 10 गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में भी बारिश के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। देर रात औंण गांव में पहाड़ी से विशाल बोल्डर गिरने के कारण एक भवन क्षतिग्रस्त हो गया। रात में ही ग्रामीणों ने घर को खाली कर दिया। तब से यहां दहशत का माहौल है। राजधानी देहरादून में लगातार छह दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। राजधानी के कई इलाकों में सड़कों पर और गलियों में जलभराव हो गया है। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी बारिश ने जनजीवन अस्त वस्त कर दिया है।
मौसम विभाग ने दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। अगले 2 दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान में भी अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए अलर्ट जारी किया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हमने दिल्ली में अगले 24 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस सप्ताह भारी बारिश हुई, जिससे जलभराव हो गया और कई क्षेत्रों में यातायात ठप हो गया। अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, तटीय कर्नाटक, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। उत्तर पूर्व भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, लद्दाख, आंतरिक महाराष्ट्र, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।