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पंजाब कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की आज पटियाला सेंट्रल जेल से रिहाई हो गई है। उनकी रिहाई को लेकर सुबह से ही जेल के बाहर हजारों कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों की भारी भीड़ थी। कई लोग ढोल नगाड़े लेकर पहुंचे हुए थे। बता दें कि सिद्धू को एक साल सजा हुई थी लेकिन उन्हें 10 महीने में ही जेल से आजादी मिल गई है। 59 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर की रिहाई पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए कांग्रेस के कई नेता और समर्थक पटियाला जेल के बाहर जमा हुए थे। उन्हें ढोल के साथ देखा गया और ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए गए। नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए सिद्धू के समर्थकों द्वारा पटियाला शहर में कई जगहों पर नवजोत सिद्धू के कई पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए थे।

जेल से बाहर आते ही सिद्धू ने पुराने तेवर दिखाए और मीडिया कर्मियों से बात करते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, “लोकतंत्र जंजीरों में है। सिद्धू ने कहा, “पंजाब इस देश की ढाल है। जब इस देश में तानाशाही आई तो राहुल गांधी के नेतृत्व में एक क्रांति भी आई। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहता है जहां भाजपा की धुर प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता में है। उनकी टिप्पणी कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह की तलाश के बीच आई है, जिनके निजी मिलिशिया पर पंजाब में गड़बड़ी पैदा करने और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है।

सिद्धू ने कहा, “पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश है। वे पंजाब को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और हर कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ दीवार की तरह खड़ा हूं। सिद्धू ने कहा, ‘मैं अपने छोटे भाई (मुख्यमंत्री और आप नेता) भगवंत मान से पूछना चाहता हूं। आपने पंजाब के लोगों को बेवकूफ क्यों बनाया? जिन्हें आज निर्धारित समय से आठ घंटे बाद जेल से रिहा किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चाहती है कि उन्हें रिहा करने से पहले मीडिया वहां से चले जाएं। बता दें कि 1988 में पंजाब के पटियाला में गाड़ी पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से सिद्धू का विवाद हो गया था। इस विवाद में सिद्धू ने गुरनाम सिंह पर घूंसे बरसाए थे, जिससे बाद गुरनाम की मौत हो गई थी। उन्हें पिछले साल 19 मई को सजा सुनाई गई थी और एक दिन बाद 20 मई को उन्होंने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने सजा काट ली और शनिवार को अपनी अवधि पूरी कर ली और पटियाला सेंट्रल जेल से रिहा हो गए। बता दें कि क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। लेकिन मनमुटाव के चलते उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। पंजाब की अमिंदर सरकार में नवजोत सिंह सिद्धू मंत्री भी बने। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू को अपने बेबाक बयानों की वजह से जाना जाता है। सोशल मीडिया पर सिद्धू को “ठोको ताली” के डायलॉग के लिए भी जाना जाता है।