- पीएम मोदी ने आज कई सौगातें दी, राजधानी दिल्ली के द्वारका में एशिया के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर का किया उद्घाटन, भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर प्रधानमंत्री ने “पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च” की, 18 पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा सीधा फायदा, पीएम ने विश्वकर्माओं को प्रमाण पत्र दिया। विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के मौके पर देश के चुने गए 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना जन्मदिवस मना रहे हैं। पीएम मोदी आज 73 साल के हो चुके हैं। अपने जन्म दिवस पर प्रधानमंत्री कई सौगात ही दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर तमाम भाजपा नेताओं ने पीएम मोदी को जन्म दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका, नई दिल्ली में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” को लॉन्च कर दिया है। इसके लिए 13 हजार करोड़ का आउटले (फंड) बनाया जाएगा। बता दें कि पीएम मोदी ने आज पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत कर दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वहां पर कई पारंपरिक कारीगरों से भी मुलाकात की।

जिसमें मिट्टी से बर्तन बनाने वाले, मोची और लोहे से चाकू, छुरी बनाने वाले आदि कारीगरों से मिलकर बात की। पीएम मोदी का पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर फोकस रहा है। इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है। पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 18 विश्वकर्माओं को प्रमाण पत्र दिया। इसमें छोटी नाव बनाने वाले, कारपेंटर, कृपाण बनाने वाले, लौहार, थर्मल और टूल किट बनाने वाले, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मोची, मिस्त्री, टोकरी बनाने वाले, खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले कारीगर शामिल थे। विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के मौके पर देश के चुने गए 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम के लिए गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद, राजनाथ सिंह लखनऊ, महेंद्र नाथ पांडे वाराणसी, स्मृति ईरानी झांसी, गजेंद्र सिंह शेखावत चेन्नई, भूपेंद्र यादव जयपुर, नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल, एस जयशंकर तिरुवनंतपुरम में रहे। नितिन गडकरी नागपुर, अश्विनी वैष्णव भुवनेश्वर और अनुराग ठाकुर शिमला में रहे।

पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग से जुड़े स्किल अपग्रेडेशन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5%की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक कोलेटरल फ्री क्रेडिट सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इन्सेंटिंव और मार्केटिंग सपोर्ट के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड मिलेंगे।


फ्री में होगा रजिस्ट्रेशन
पीएम विश्वकर्मा (PM Vishwakarma) को 13,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से फंडिंग किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल (PM Vishwakarma portal) का इस्तेमाल करके कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से विश्वकर्माओं का फ्री रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
किसे मिलेगा स्कीम का फायदा
यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है।
कारपेंटर
नाव बनाने वाले
अस्त्र बनाने वाले
लोहार
ताला बनाने वाले
हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
सुनार
कुम्हार
मूर्तिकार
मोची
राज मिस्त्री
डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
नाई
मालाकार
धोबी
दर्जा
मछली का जाल बनाने वाले को सीधा फायदा मिलेगा।
पीएम मोदी ने एशिया के सबसे बड़े इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर यशोभूमि का उद्घाटन किया
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के द्वारका में स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर यशोभूमि के पहले पार्ट का इनॉगरेशन किया। दिल्ली के द्वारका में बना यह एशिया का सबसे बड़ा MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर है।इससे पहले प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर-21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक बने एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (मेट्रो लाइन) के एक्सटेंशन का उद्घाटन किया। नया यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 अंडर ग्राउंड स्टेशन है, जो सीधे शहर की जरूरी जगहों जैसे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जुड़ा होगा। प्रधानमंत्री इसी मेट्रो में सवार होकर कन्वेंशन सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने पारंपरिक काम करने वाले कामगारों से मुलाकात की। यह कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम से भी बड़ा है, जहां 9 और 10 सितंबर को G20 की मीटिंग हुई थी। यशोभूमि 219 एकड़ में करीब 5400 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। वहीं, प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम 123 एकड़ में तैयार किया गया है।