प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद भारत के लिए रवाना हो गए। 21 से 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग में चल रहे सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कई सत्रों में भाग लिया और दुनिया के अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं की। इस सम्मेलन के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए, जिसका विषय “सभी के लिए न्यायसंगत और समान भविष्य” था, पीएम मोदी ने तकनीकी प्रगति को मानव-केंद्रित, वैश्विक और ओपन-सोर्स आधारित बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल भुगतान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों में इस दृष्टिकोण को लागू किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की AI रणनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका आधार तीन स्तंभ हैं : समान अवसर, जनसंख्या स्तर पर कौशल विकास और जिम्मेदार उपयोग। भारत का एआई मिशन सुनिश्चित कर रहा है कि एआई के लाभ देश के हर जिले और भाषा तक पहुंचे। उन्होंने वैश्विक स्तर पर एआई के दुरुपयोग को रोकने और इसके लिए एक वैश्विक संधि बनाने का सुझाव दिया।
पीएम मोदी ने फरवरी 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले AI इम्पैक्ट समिट के लिए दुनिया के नेताओं का स्वागत करने की बात कही। इस समिट का थीम ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ रखा गया है। उन्होंने कहा कि AI के इस युग में नजरिया बदलकर “आज की नौकरियों” के बजाय “कल की क्षमताओं” पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में G20 वैश्विक प्रतिभा गतिशीलता (Talent Mobility) के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा, जो नवाचार को बढ़ावा देगा और युवाओं के लिए लाभकारी होगा।-
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