प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान वहां की संसद की संयुक्त सभा को संबोधित किया। वह पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित प्रतिष्ठित रेड हाउस से ऐसा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना से शुभकामनाएं दीं, जहां वे त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचने से पहले गए थे। उन्होंने कहा, “मैं घाना के लोगों की ओर से भी हार्दिक शुभकामनाएं लेकर आया हूं, जिस देश का दौरा मैंने यहां पहुंचने से ठीक पहले किया था। मैं इस प्रतिष्ठित रेड हाउस में आपसे बात करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री बनकर गौरवान्वित हूं।”

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महामहिम प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, इस सीनेट के माननीय अध्यक्ष वेड मार्क, माननीय अध्यक्ष जगदेव सिंह, माननीय अध्यक्षगण, संसद के प्रतिष्ठित सदस्य – नमस्कार। सुप्रभात। मैं एक गौरवशाली लोकतंत्र और मित्र राष्ट्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों, आप सभी के समक्ष खड़े होकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।”
उन्होंने दोहराया, “मैं एक गौरवशाली लोकतंत्र और मित्र राष्ट्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में आपके समक्ष खड़ा होकर अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।”
इसके बाद प्रधानमंत्री ने इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह ऐतिहासिक लाल इमारत स्वतंत्रता और सम्मान के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के संघर्ष और बलिदान की गवाह है।”
साझा लोकतांत्रिक मूल्यों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस महान देश के लोगों ने दो उल्लेखनीय महिला नेताओं को चुना है – राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री। वे गर्व से खुद को भारतीय प्रवासियों की बेटियाँ कहती हैं। उन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है… हमारे दोनों देश औपनिवेशिक शासन की छाया से उभरे और साहस को अपनी स्याही और लोकतंत्र को अपनी कलम बनाकर अपनी कहानियाँ लिखीं…”
दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हम भारतीयों के लिए लोकतंत्र सिर्फ़ एक राजनीतिक मॉडल नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। हमारे पास हज़ारों सालों की समृद्ध विरासत है। यहाँ के कई सांसदों के पूर्वज बिहार से हैं, जो महाजनपदों – प्राचीन गणराज्यों का घर था…”