Pravasi Bharatiya Divas 2023 : इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस को पीएम मोदी ने किया संबोधित, कहा- आज दुनिया सुनती भारत की सुनती है - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
November 21, 2024
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Pravasi Bharatiya Divas 2023 : इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस को पीएम मोदी ने किया संबोधित, कहा- आज दुनिया सुनती भारत की सुनती है

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 9 जनवरी को शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश से आए भारतीयों का स्वागत करते हुए संबोधन भी किया। ‌इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएं। करीब 4 वर्षों के बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में, अपनी पूरी भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अपना अलग ही आनंद भी होता है, और उसका महत्व भी होता है। मैं आप सभी का 130 करोड़ भारतवासियों की ओर से अभिनंदन करता हूँ, स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर शहर की भी खूब प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत में स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। भारत के पास सक्षम युवाओं की बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी हैं। काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है।




यहाँ उपस्थित प्रत्येक प्रवासी भारतीय अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के साथ अपने देश की माटी को नमन करने आया है। और ये प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्य प्रदेश की उस धरती पर हो रहा है, जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है। MP में माँ नर्मदा का जल, यहाँ के जंगल, आदिवासी परंपरा, यहाँ का आध्यात्म, ऐसा कितना कुछ है, जो आपकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। अभी हाल ही में पास ही उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक का भी भव्य और दिव्य विस्तार हुआ है। मैं आशा करता हूँ आप सब वहाँ जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे और उस अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे।

साथियों,

वैसे हम सभी अभी जिस शहर में हैं, वो भी अपने आप में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूँ इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है, जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश में एक अलग पहचान स्थापित की है। खाने-पीने के लिए ‘अपन का इंदौर’ देश ही नहीं, पूरी दुनिया में लाज़वाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, यहां के लोगों के यहां पर जो पोहे का पैशन है, साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी-समोसे-शिकंजी, जिसने भी इन्हें देखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका। और जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा! इसी तरह, छप्पन दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सर्राफ़ा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है, यहाँ के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे, और वापस जाकर दूसरों को यहाँ के बारे में बताना भी नहीं भूलेंगे।

हमारे यहाँ कहा जाता है- “स्वदेशो भुवनत्रयम्”। अर्थात्, हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यताओं के समागम की अनंत संभावनाओं को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं, तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं। दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फ़ैक्टर की तरह दिखते हैं, तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना उसके साक्षात् दर्शन होते हैं। दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों, अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास भी होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो Mother of Democracy होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है। और जब, हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे ‘सशक्त और समर्थ भारत’ इसकी आवाज़ सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को, सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत ब्रैंड एंबेसेडर कहता हूं। सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं। भारत की महान विरासत में आप राष्ट्रदूत होते हैं।

डॉक्यूमेंट करना चाहिए। हमारे कई बुजुर्गों के पास उस ज़माने की कई memories होंगी। मेरा आग्रह है कि यूनिवर्सिटीज के माध्यम से हर देश में हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर ऑडियो-विडियो या लिखित डॉक्यूमेंटेशन के प्रयास किए जाएँ।


कोई भी राष्ट्र उसमें निष्ठा रखने वाले हर एक व्यक्ति के दिल में जीवित रहता है। यहाँ भारत से कोई व्यक्ति जब विदेश जाता है, और उसे वहाँ एक भी भारतीय मूल का व्यक्ति मिल जाता है तो उसे लगता है कि उसे पूरा भारत मिल गया। यानी, आप जहां रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते 8 वर्षों में देश ने अपने diaspora को ताकत देने के लिए हर संभव प्रयास किया है। आज भारत का ये कमिटमेंट है कि आप दुनिया में कहीं भी रहेंगे, देश आपके हितों और अपेक्षाओं के लिए आपके साथ रहेगा।

मैं गुयाना के राष्ट्रपति जी और सूरीनाम के राष्ट्रपति जी का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं। इस महत्वपूर्ण समारोह के लिए उन्होंने समय निकाला और उन्होंने जितनी बातें आज हमारे सामने रखी हैं। वे वाकई बहुत उपयोगी हैं, और मैं उनको विश्वास दिलाता हूं कि जिन सुझावों को उन्होंने रखा है, उस पर भारत जरूर खरा उतरेगा। मैं गुयाना के राष्ट्रपति जी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने आज काफी पुरानी यादें साझा की। क्योंकि जब मैं गुयाना गया था, तो मैं कुछ भी नहीं था, मुख्यमंत्री भी नहीं था और तब का नाता उन्होंने याद करके निकाला। मैं उनका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं फिर एक बार आप सभी प्रवासी भारतीय दिवस के लिए इस समारोह में आए, बीच के गैप के बाद मिलने का मौका मिला है। मेरी तरफ से आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं। बहुत लोगों से मिलना होगा, बहुत लोगों से चीजें जानने को मिलेगी, जिसे लेकर के उन स्मृतियों को लेकर के फिर अपने कार्यक्षेत्र में लौटेंगे, अपने respective country में जाएंगे। मुझे विश्वास है कि भारत के साथ जुड़ाव का एक नया युग शुरू होगा। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।गुयाना के राष्ट्रपति डॉक्टर मोहम्मद इरफान अली, सूरीनाम के राष्ट्रपति चन्द्रिका प्रसाद संतोखी, मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगीगण, और प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन में विश्व भर से पधारे भारतवंशी लोग मौजूद रहे। बता दें कि मंगलवार 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह में पहुंचेंगी। ‌

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