हम सामाजिक तौर पर अगर बात करें तो बालिकाओं की शिक्षा, परवरिश में काफी सुधार आया है। इसके साथ माता-पिता की सोच में बदलाव की वजह से ही आज बेटियां अपने अधिकारों से वंचित नहीं हैं। आज देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। अगर हम पिछले एक दशक की बात करें तो देश में जागरूकता आने की वजह से लड़कियां, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। इसके साथ पहले जैसी बंदिशें भी अब नहीं दिखाई पड़ती हैं। पुरानी परंपराओं को पीछे छोड़ते हुए समाज भी अब नए दौर की सोच में आगे बढ़ रहा है। शहरों से लेकर गांव तक माता-पिता में लड़कियों की परवरिश और पढ़ाई लिखाई को लेकर जागरूकता का माहौल बना है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में महिलाओं ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक सभी क्षेत्रों में अपना नाम रोशन किया है। इसमें सरकारों की भी बड़ी भूमिका रही है। इस लाइनों को लिखने का उद्देश्य है कि आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। पूरे देश में बालिका दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। बता दें कि भारत में हर साल 24 जनवरी का दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व बहुत अधिक है, यह बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रति जागरूक करता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हर साल अलग अलग थीम रखी जाती है। लेकिन इस साल इस पर थीम नहीं रखी गई है। यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी याद दिलाता है। 24 जनवरी के दिन इंदिरा गांधी पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाना का निर्णय लिया गया । देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की थी। साल 2009 में पहली बार महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी। आज 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है।
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