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April 19, 2025
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Diabetic patients neee leaves प्रकृति वरदान : नीम के पत्ते समेत पांच हरी पत्तियां डायबिटीज को कंट्रोल के साथ इंसुलिन को भी सक्रिय करती हैं, जानिए प्रयोग करने की विधि

Neem

दुनिया भर में लगभग 42.2 करोड़ लोगों को डायबिटीज है। इनमें से अधिकांश लोग लो और मिडिल इनकम वाले देशों में रहते हैं। साथ ही हर साल 15 लाख लोगों की मौत इसकी वजह से होती है। ये आंकड़ा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का है। पिछले कुछ दशकों में डायबिटीज के मामलों की संख्या और प्रसार दोनों में लगातार तेजी आई है। युवाओं में डायबिटीज का खतरा
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के 7.7 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं। वहीं, ढाई करोड़ लोगों को डायबिटीज होने की आशंका है। दवा और डॉक्टर के अलावा ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डायट बहुत जरूरी है। प्रकृति में बहुत सारी ऐसी हरी पत्तियां हैं, जिनको खाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।

अश्वगंधा: पत्तियों को अर्क के रूप में कर सकते हैं इस्तेमाल–

अश्वगंधा की पत्तियां आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है। आयुर्वेद विशेषज्ञ दावा करते हैं कि अश्वगंधा मधुमेह के लिए बेहद फायदेमंद है। खासकर टाइप-2 डायबिटीज वालों के लिए तो यह रामबाण है। इसका उपयोग जड़ और पत्ती के अर्क के रूप में किया जा सकता है। अश्वगंधा इंसुलिन हॉर्मोन के ज्यादा निकलने में मदद करता है और मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन सेंसेटिविटी को इंप्रूव करता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। बनारस काशी रसशाला के वैद्य शशिकांत दीक्षित कहते हैं कि अश्वगंधा नर्वस सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करता है, जिससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है।

करी पत्ता: भरपूर फाइबर इंसुलिन एक्टिवटी को बढ़ाए–

साउथ इंडियन खानों में करी-पत्ते का खूब इस्तेमाल होता है। करी पत्ता में प्रचुर मात्रा में फाइबर मिलता है। इसमें फाइबर होने की वजह से ये डाइजेशन रेट कम करता है इसलिए यह तेजी से मेटाबोलाइज नहीं होता है। इसमें हाइपो-ग्लाइसेमिक गुण होने के कारण ये इंसुलिन एक्टिविटी को बढ़ाता है। जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है। करी पत्ते का हाई फाइबर कंटेंट कार्बोहाइड्रेट के ग्लूकोज में टूटने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिसकी वजह से भी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। करी पत्ते में फाइबर के अलावा प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, मल्टीविटामिन और flavonoids भी होता है।

मेथी का पत्ता: खाली पेट गैस बनने से रोके और ग्लूकोज लेवल रखे मेंटेन–

मेथी के पत्ते भी आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते हैं इसलिए इनका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इसके पत्ते या बीज का सेवन करते हैं तो यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी हद तक मदद करते हैं। यह ग्लूकोज टॉलरेंस में सुधार करने के लिए जाना जाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि मेथी में कुछ एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जैसे इंसुलिन सेंसेटिविटी में सुधार, खाली पेट गैस नहीं बनने देता और खून में ग्लूकोज को मिलने से रोकता है।

नीम के पत्ते: कड़वाहट में है सेहत की मिठास–

नीम के पत्ते भले ही कड़वे हों लेकिन सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसकी पत्तियों से लेकर जड़ तक का हेल्दी हर्ब में इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग सूजन, त्वचा रोग, दांतों की खराबी, बुखार समेत कई अलग बीमारियों से मरीजों के इलाज तक के लिए किया जाता है। नीम के पत्तों का नियमित सेवन आपके ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। यह ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले लोगों के लिए भी अच्छा है। इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, नीम ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। नीम एक ब्लड प्यूरीफायर है और इसमें विटामिन बी, ए और सी जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। यह कैल्शियम, आयरन और फ्लेवोनॉयड्स से भी भरपूर होता है।

आम के पत्ते: फल खाना सेहत के लिए ठीक नहीं, पत्तियां फायदेमंद–

आम फल के रूप में डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन इसकी पत्तियां उनके लिए फायेदमंद हैं। इसमें पेक्टिन, विटामिन-सी और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हाई ब्लड शुगर के साथ-साथ हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को भी फायदा पहुंचाता है। शरीर में पाया जाने वाला सबसे कॉमन फैट टाइप ट्राइग्लिसराइड टाइप-2 डायबिटीज से जुड़ा हुआ है। इस वजह से आम के पत्तों के अर्क का इस्तेमाल ट्राइग्लिसराइड और ब्लड शुगर का स्तर कम करने में किया जा सकता है।

नीम, बेल, तुलसी का होता है असर–

शशिकांत दीक्षित कहते हैं कि नीम, तुलसी और बेल के पत्ते को काली मिर्च के साथ पीसकर पीने से राहत मिलती है। साथ ही मेथी के दानों को भूनकर उसका पाउडर बना लें। इसे सुबह-शाम एक चम्मच लेने से लाभ पहुंचाता है। हालांकि, ये सारी ही चीजें डायबिटीज को ठीक तो नहीं कर सकतीं लेकिन ये दवाइयों के डोज को कम जरूर कर देता है। डायबिटीज पेंशेंट के लिए परहेज सबसे जरूरी होता है। परहेज के साथ ये सब लेने से इंसुलिन पर जाने की नौबत नहीं आती है।

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