शोक : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ली अंतिम सांस, उन्हें "सनातन धर्म का रक्षक कहा जाता था" - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
November 21, 2024
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धर्म/अध्यात्म राष्ट्रीय

शोक : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ली अंतिम सांस, उन्हें “सनातन धर्म का रक्षक कहा जाता था”

(Shankaracharya Swami Swaroopanand Dies) द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आज दोपहर मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर स्थित झोतेश्वर परमहंसी गंगा आश्रम में निधन हो गया है। इसी महीने 2 सितंबर को स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपना 99वां जन्म दिवस मनाया था। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद सनातन धर्म में शोक की लहर फैल गई है। ‌ बता दें कि स्वामी स्वरूपानंद का जन्म 2 सितंबर 1924 में सिवनी जिले के दिघोरी ग्राम में हुआ था। 8 वर्ष की आयु से झोतेश्वर में तपस्या कर तपस्वी जीवन व्यतीत किया। स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और जेल भी गए। सनातन धर्म की रक्षा की। इसलिए उन्हें सनातन धर्म का धर्म रक्षक मानते हैं। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था। वे 1982 में गुजरात में द्वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे। स्वामी शंकराचार्य सरस्वती के माता-पिता ने बचपन में उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था. उन्होंने 9 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था और धर्म की तरफ रुख किया।

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