भारतीय मौसम विभाग ने आज मंगलवार को बताया है कि इस वर्ष देश में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पूरे देश में मानसूनी वर्षा का दीर्घकालिक औसत (LPA) का लगभग 105% हो सकती है, जिसमें ±5% तक की त्रुटि संभव है।
गौरतलब है कि वर्ष 1971 से 2020 तक मानसूनी वर्षा का दीर्घकालिक औसत 87 सेंटीमीटर दर्ज है। वर्तमान में प्रशांत महासागर में ईएनएसओ (El Nino-Southern Oscillation) की स्थिति सामान्य है, लेकिन वातावरण में ला-नीना जैसी स्थितियां देखने को मिल रही हैं। वहीं, हिंद महासागर में भी इंडियन ओशन डायपोल (IOD) की स्थिति फिलहाल सामान्य है और इसके भी मानसून के समय तक समान बने रहने की संभावना है।
IMD द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में मौसम मॉडल से स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, जिससे वहां सामान्य, कम या अधिक-तीनों में से कोई भी स्थिति संभव हो सकती है। IMD ने यह पूर्वानुमान मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल (MME) तकनीक के आधार पर तैयार किया है, जो कई जलवायु मॉडलों के माध्यम से मानसून की अधिक सटीक भविष्यवाणी करने में सहायक होती है।
previous post
next post