आज पूरा देश चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने की खुशी में झूम रहा है। लेकिन नॉर्थ ईस्ट के राज्य मिजोरम में एक ऐसी खबर आई जो देशवासियों को दुखी कर गई। बुधवार यानी आज सुबह मिजोरम में रेल पुल गिरने से 17 मजदूरों की दुखद मौत हो गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार मिजोरम की राजधानी आजमगढ़ से 21 किलोमीटर दूर सायरांग में सुबह 10 बजे यह दुखद घटना हुई है। हादसे के समय इस रेल पुल में करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे। यह पुल बैराबी को सायरांग से जोड़ने वाली कुरूंग नदी पर बन रहा था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया हैं। मिजोरम रेलवे ब्रिज दुर्घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है। पीएमओ ने ट्वीट करते हुए लिखा, मिजोरम में पुल दुर्घटना से दुखी लोगों के प्रति मेरी संवेदना, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है। पीएम मोदी ने मृतक के परिजनों को पीएमएमआरएफ से 2 लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। वहीं, जो घायल हुए हैं उन्हें 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
घटनास्थल पर कई अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। जहां घटना हुई है वह जगह राजधानी आइजोल से करीब 21 किलोमीटर दूर है। बताया जा रहा है कि मलबे में अब भी 30 से 35 मजदूर दबे हो सकते हैं। पुल में कुल 4 पिलर हैं। तीसरे और चौथे पिलर के बीच का गर्डर टूटकर गिरा हुआ है। सभी मजदूर इसी गर्डर पर काम कर रहे थे। जमीन से पुल की ऊंचाई 104 मीटर यानी 341 फीट है। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में रेलवे अधिकारियों के साथ पुलिस-प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। ऐसा बताया जा रहा है कि मलबे में दबे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
मरने वाले मजदूरों की संख्या अभी और भी बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री जोरम थांगा ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि ऐजावल के पास साइरंग में अंडर कंस्ट्रक्शन ओवर ब्रिज गिर गया है जिसके चलते 17 मजदूरों की मौत हो गई। उन्होंने इस घटना पर दुख जाहिर किया और कहा कि वो मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करते हैं। पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची ने बताया कि रेलवे अधिकारियों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है और राहत-बचाव कार्य जारी हैं।