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दो दिनों से उत्तर प्रदेश कानपुर के रहने वाले करौली शंकर बाबा के नाम से प्रसिद्ध संतोष सिंह भदौरिया मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में बने हुए हैं। बता दें कि संतोष सिंह भदौरिया का नाम चर्चा में इसलिए आया कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक नोएडा के डॉक्टर ने बाबा के ऊपर मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसी मामले में कानपुर की पुलिस करौली शंकर बाबा से पूछताछ कर रही है। दरअसल नोएडा से उपचार कराने आए डॉ सिद्धार्थ चौधरी ने करौली शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है कि जब उन्होंने बाबा से चमत्कार ना दिखने की बात की तो उनके बाउंसरओ ने कमरे में बंद करके उनको लोहे की रॉड से और लात घूंसे से मारा और लहू लुहान कर दिया। गौरतलब है कि नोएडा के रहने वाले डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने कानपुर के संतोष सिंह भदौरिया ऊर्फ करौली बाबा के सेवादारों पर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। डॉक्टर का आरोप था कि उन्होंने बाबा को चमत्कार दिखाने को कहा था जिस पर बाबा नाराज हो गए और उनको पागल कहने लगे। इसके बाबा ने अपने सेवादारों से कहा कि इसको चमत्कार दिखा दो। फिर सेवादारों ने मारपीट की थी, जिससे उसका सिर फट गया था और उसको काफी गंभीर चोटें आयी थीं। कानपुर में करौली आश्रम में डॉक्टर से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। थाना क्षेत्र बिधनू के अंतर्गत करौली गांव में संतोष सिंह भदौरिया का आश्रम है, जिसे करौली सरकार के नाम से भी जाना जाता है। करौली सरकार के आश्रम में चमत्कार के माध्यम से लोगों के इलाज करने का दावा किया जाता है। झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के माध्यम से इलाज करने के लिए बकायदा लोगों से अच्छी-खासी रकम ली जाती है। डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने बताया, ‘मैंने बाबा से कहा कि बाबा मैं परेशान रहता हूं तो उन्होंने माइक से फूंक कर कहा “नमः शिवाय”। उन्होंने दो बार ऐसा कहा। इस पर मैंने उनसे कहा कि बाबा मुझे इससे कोई फायदा नहीं हुआ। यह सुनते ही बाबा भड़क गये और उन्होंने उनको डांट कर अपने बाउंसरों को बुला दिया और बाहर निकाल दिया। बाबा से आदेश मिलने के बाद बाउंसर सिद्धार्थ को एक कमरे में ले गए। उनका आरोप है कि यहां उनको लोहे की रॉड और हथियारों से मारा-पीटा गया। पिटाई के चलते उनके सिर में गंभीर चोटें भी आई हैं। उन्होंने करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया और उनके साथियों पर धारा 323, 504 और 325 आईपीसी में एफआईआर दर्ज कराई है। आज कानपुर के पास बाबा करौली के करोड़ों रुपए का साम्राज्य बना लिया है। करौली बाबा के यहां भक्तों का रेला आनने लगा तो उनका साम्राज्य काफी बड़ा हो गया। करौली बाबा बनने के बाद धन की वर्षा शुरू हो गई। इसके बाद संतोष बाबा ने तीन साल में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। उनका आश्रम 14 एकड़ में फैला हुआ है। आश्रम में फाइव स्टार होटल जैसी फैसिलिटी है। आश्रम के अंदर ही होटल और फ्लाइट रेलवे की बुकिंग के काउंटर लगे हुए हैं। पूजा की सामग्री खरीदने के लिए अलग-अलग काउंटर बने हैं।
यूपी के उन्नाव में जन्मे संतोष भदौरिया ने किसान आंदोलन से बनाई अपनी पहचान-
बाबा का ‘धार्मिक’ नाम है करौली बाबा, लेकिन इनका असली नाम संतोष सिंह भदौरिया है। करोली बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया पर आरोप है कि उनके चेलों ने नोएडा के डॉक्टर पर हमला कर दिया। हमले में डॉक्टर बुरी तरह से घायल हो गए हैं। हालांकि करोली बाबा ने एक वीडियो जारी करके सफाई दी है। डॉक्टर पर हमला करने के आरोप में बाबा और उनके चेलों पर एफआईआर दर्ज हो गई है। बाबा संतोष सिंह भदौरिया मूल रूप से यूपी के उन्नाव जिले के बारह सगवर के रहने वाले हैं। बाबा के पेशे में आने से पहले वो किसान नेता हुआ करते थे और देश के दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ काम किया करते थे। संतोष सिंह ने महेंद्र सिंह टिकैत के साथ कई किसान आंदोलनों में बढ़-चढ़कर कर भाग लिया। उसी समय कानपुर में किसान यूनियन बड़े नेता संतराम सिंह की हत्या हो गई। इसके बाद महेंद्र सिंह टिकैत ने संतोष सिंह भदौरिया को कानपुर के सरसोल क्षेत्र की देखरेख करने के लिए बागडोर सौंप दी। इसी समय किसान यूनियन ने बड़ा प्रदर्शन किया और प्रदर्शन के दौरान किसान नेता संतोष सिंह की पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। यूपी पुलिस ने उन पर गुंडा एक्ट के साथ में गैंगस्टर लगा दिया। जेल जाने के बाद संतोष सिंह भदौरिया एका-एक किसानों के बीच प्रसिद्ध हो गए। इसी के बाद उनकी किस्मत बदलती चली गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से उनकी नजदीकियां बढ़ने के बाद संतोष सिंह भदौरिया को कोयला निगम का चेयरमैन बना दिया गया। बाद में सवाल उठाने के बाद उनको निगम से हटा दिया गया। इसी के बाद भदौरिया का उदय हुआ और उन्होंने ‘करौली आश्रम’ की स्थापना की। किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया अब बाबा बनकर प्रवचन करने लगे। धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी और वो मजबूत होने लगे। उनके आश्रम में जड़ी-बूटियों से इलाज करने का दावा किया जाता है। आश्राम में करौली सरकार राधा रमण मिश्र और कामाख्या माता का मंदिर है। कानपुर और उसके आसपास के लोग संतोष सिंह भदौरिया को करौली बाबा के नाम से जानते हैं।