देश की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर अब राजनीति पारी शुरुआत करने जा रही हैं। पिछले कई दिनों से मैथिली की चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही थी। बिहार विधानसभा चुनाव में मैथिली ठाकुर के प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी करेंगी ।
लोक गायिका मैथिली ठाकुर आज, मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। मैथिली को दरभंगा के अलीनगर से सीट दिया जा सकती है।

कुछ दिनों पहले मैथिली ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संगठन महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद मैथिली ने कहा,”मैं प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बहुत प्रभावित हूं। उनसे प्रेरणा लेते हुए मैं उनका समर्थन करने के लिए यहां हूं। मेरा मानना नहीं है कि किसी राजनीतिक दल में शामिल होने से आप राजनेता बन जाते हैं; मैं यहां समाज की सेवा करने और उनकी विचारधारा को प्रत्येक व्यक्ति तक ले जाने के लिए हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि मैं मिथिला की बेटी हूं, मेरी आत्मा मिथिला में बसती है। पार्टी को पता चल जाएगा कि उनके मन में मेरे लिए क्या है; मैं यहां सिर्फ उनका समर्थन करने के लिए हूं। पार्टी जो आदेश देगी, मैं वही करूंगी।
मैथिली ठाकुर कौन हैं?
चुनाव आयोग ने मैथिली ठाकुर को बिहार का ‘स्टेट आइकॉन’ नियुक्त किया है, जो उनके प्रभाव और लोकप्रियता को दर्शाता है। उनकी यह मान्यता राज्य के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में उनकी भूमिका को रेखांकित करती है। भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत में प्रशिक्षित ठाकुर को बिहार के लोक संगीत में उनके योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी द्वारा 2021 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बिहार के मधुबनी जिले में जन्मी मैथिली और उनके दो भाइयों को उनके दादा और पिता ने लोक, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हारमोनियम और तबला वादन का प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और हिंदी में बिहार के पारंपरिक लोकगीत प्रस्तुत किए हैं।