(Karwa chauth 2022) : सुहागन स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत सबसे पवित्र और कठोर माना जाता है, इस बार 46 साल बाद शुभ संयोग, इन शहरों में चंद्रमा निकलने का यह है समय - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
March 10, 2025
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(Karwa chauth 2022) : सुहागन स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत सबसे पवित्र और कठोर माना जाता है, इस बार 46 साल बाद शुभ संयोग, इन शहरों में चंद्रमा निकलने का यह है समय

आज पूरे देश में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है।
करवा चौथ का पर्व सुहागिनों का सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने सुखद दांपत्य जीवन और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है, इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला रहकर करवा चौथ के व्रत को पूर्ण करती हैं। ये व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला बताया गया है। जो स्त्रियां इस दिन सच्चे मन से इस व्रत को रखती हैं और विधि पूर्वक पूजा करते हुए करवा चौथ के व्रत को पूर्ण करती हैं, उनके जीवन में खुशियां सदैव बनी रहती हैं। करवा चौथ व्रत में गणेश जी के साथ करवा माता की पूजा की जाती है। इस व्रत का संबंध करवा देवी की कथा से है इसलिए इसका नाम करवा चौथ पड़ा। यह व्रत करवा के बिना पूर्ण नहीं माना जाता है. करवा मिट्‌टी का पात्र होता है जिसमें टोटी लगी होती है। कई जगह तांबे का करवा उपयोग में लिया जाता है। मान्यताओं के अनुसार करवा को देवी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में इसका महत्व बढ़ जाता है। करवा की पूजा से सौभाग्य में वृद्धि होती है.आमतौर पर करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है लेकिन इस दिन महिलाओं को श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा पुरुषों को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और मां लक्ष्मी और विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाना चाहिए। चंद्रमा निकलने के 1 घंटे पहले पूरे शिव परिवार की पूजा करें। पूजा के समय भगवान का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और व्रती महिला का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस व्रत के दौरान जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। वैवाहिक जीवन में प्रेम व स्नेह की वृद्धि के लिए आज करवा चौथ के दिन मां गौरी के मंदिर जाकर श्रृंगार सामग्री अर्पित करें और गुलाबी रंग की चुनरी चढ़ाएं। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें। कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022, सुबह 01.59 से शुरू हो गई। व्रत भी सारगी खाने के साथ –साथ प्रारंभ हो गया है। चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03.08 पर होगा। इस साल करवा चौथ का चांद 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 19 मिनट पर निकलेगा। इस साल 13 अक्टूबर 2022 को गुरु और शुक्र का विशेष संयोग बन रहा है। इस संयोग के चलते करवा चौथ का शुभ लाभ फल कई गुना बढ़ गया है। ज्योतिष के अनुसार, गुरु-शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में करवा चौथ पर बृहस्पति के अपनी राशि में होने से पति-पत्नी को सुखी दांपत्य जीवन और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। इस साल करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य और महालक्ष्मी का योग बन रहा है। 13 अक्टूबर 2022 को करवा चौथ गुरुवार के दिन है। इस दिन 46 साल बाद गुरु (बृहस्पति) ग्रह अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे। ऐसा संयोग 23 अक्टूबर 1975 को बना था।

देश के इन राज्यों में चंद्रमा निकलने का समय इस प्रकार है—

दिल्ली-NCR- चंद्रोदय समय 08:09 पी एम।
लखनऊ- चंद्रोदय समय 07:58 पी एम।
चण्डीगढ़- चंद्रोदय समय 08:06 पी एम।
पटना- चंद्रोदय समय 07:44 पी एम।
मुम्बई- चंद्रोदय समय 08:48 पी एम।
पुणे- चंद्रोदय समय 08:45 पी एम।
जयपुर- चंद्रोदय समय 08:19 पी एम।
देहरादून- चंद्रोदय समय 08:02 पी एम।
कानपुर- चंद्रोदय समय 08:01 पी एम।
रांची- चंद्रोदय समय 07:48 पी एम।
अहमदाबाद- चंद्रोदय समय 08:41 पी एम।
चेन्नई- चंद्रोदय समय 08:29 पी एम।
कोलकाता- चंद्रोदय समय 07:37 पी एम।
भुवनेश्वर- चंद्रोदय समय 07:52 पी एम।
हैदराबाद- चंद्रोदय समय 08:28 पी एम।
भोपाल- चंद्रोदय समय 08:21 पी एम।
नागपुर- चंद्रोदय समय 08:18 पी एम।
बेंगलूरु- चंद्रोदय समय 08:40 पी एम।
जम्मू- चंद्रोदय समय 08:09 पी एम।
आगरा- चंद्रोदय समय 08:09 पी एम।
प्रयागराज- चंद्रोदय समय 07:57 पी एम।
गुरुग्राम- चंद्रोदय समय 08:21 पी एम।
इंदौर- चंद्रोदय समय 08:27 पी एम।
गांधीनगर- चंद्रोदय समय 08:51 पी एम।

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