आज देशभर में करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। यह व्रत हिंदू महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। करवा चौथ के दिन महिलाओं को चांद का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि चंद्र को अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ के इस कठिन व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन सुहागिनें महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय होने के बाद चंद्र देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं।
अगर हम बात करें करवा चौथ पूजा की मुहूर्त (Karwa Chauth Puja Shubh Muhurat) और चंद्रोदय के समय (Aaj Karwa Chauth Ka Chand kab Niklega) के बारे में तो इस बार करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 06:05 बजे से शाम 07:21 बजे तक है। तो वहीं, करवा चौथ व्रत का समय – सुबह 06:39 बजे से रात 08:59 बजे तक रहेगा। इसके अलावा चंद्रोदय का समय – रात्रि 08:59 बजे है।
अखंड सौभाग्य और सखी वैवाहिक जीवन के लिए करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को सोलह श्रृंगार करके चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार आज काफी शुभ योग में करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है, क्योंकि आज सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव और परिघ योग बन रहा है। आइए जानते हैं करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, सामग्री, चंद्रोदय का समय सहित अन्य जानकारी। करवा चौथ पति और पत्नी के बीच मधुर संबंध का पर्व है। महिलाएं शाम में पूजा पाठ करती हैं और चांद देखने के बाद व्रत तोड़ती हैं। करवा चौथ का पर्व पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। महिलाएं पर्व की तैयारी कई दिन पहले से करने लगती हैं। नए कपड़ों और आभूषण की खरीदारी होती है। व्रत तोड़ने के लिए खास पकवान पकाए जाते हैं। करवा चौथ के मौके से महिलाएं सुबह जल्दी जागकर स्नान करती हैं। नए कपड़ों और आभूषणों से श्रृंगार कर व्रत शुरू करती हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि आज के ग्रह-नक्षत्र सर्वार्थसिद्धि, सुमुख, अमृत और कुलदीपक योग बना रहे हैं। करवा चौथ पर ऐसा चतुर्महायोग पिछले 100 साल में नहीं बना। आज बुधवार और चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है। इस तिथि और वार, दोनों के देवता गणेश जी ही हैं। इन शुभ संयोग और ग्रह स्थिति से व्रत का पुण्य और बढ़ जाएगा।

करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखने के भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने के साथ करवा माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूजा के समय ॐ शिवायै नमः, ॐ नमः शिवाय, ॐ षण्मुखाय नमः, ॐ गणेशाय नमः, ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करें। इन मंत्रों का जाप करने से शिव -पार्वती जी के साथ भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।बहुत पुरानी बात है कि एक नगर में एक साहूकार रहता था। जिसके साथ बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम करवा था। अपनी प्यारी बेटी की धूमधाम से शादी करके उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया। भाई अपनी बहन से बहुत ही प्यार करते थे। एक बार की बात है कि बहन अपने ससुराल से मायके आई हुई थी। जहां उसने अपनी भाभियों के साथ मिलकर करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई को उसकी ये हालत देखी नहीं गई, क्योंकि चंद्रमा निकलने पर अभी काफी समय था। उन्होंने अपनी बहन से पानी पीने के लिए कहा, तो उसने कहा कि चांद निकलने के बाद ही वह खा पी सकती हैं। ऐसे में सभी भाई काफी व्याकुल हो गए। ऐसे में सबसे छोटे भाई को रहा नहीं गया। उसने दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख दिया। दूर से देखने पर वह चांद जैसा प्रतीत हो रहा था। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि देखो चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देकर भोजन कर सकती हो। बहन ने खुशी से चांद को देखा और उसे अर्घ्य दे दिया।
आज देश के अलग-अलग शहरों में चंद्रमा निकलने का समय इस प्रकार है–
दिल्ली-रात 08:15
मुंबई-रात 08:59
कोलकाता-रात 07:45
चंडीगढ़-रात 08:10
पंजाब-रात 08:14
राजस्थान-रात 08:26
लुधियाना-रात 08:12
देहरादून-रात 08:06
शिमला-रात 08:07
पटना-रात 07:51
लखनऊ-रात 08:05
कानपुर-रात 08:08
प्रयागराज-रात 08:05
इंदौर-रात 08:37
भोपाल-रात 08:29
अहमदाबाद-रात 08:50
चेन्नई-रात 08:43
बेंगलुरु-रात 08:54