इसी साल फरवरी-मार्च में आयोजित हुए यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राकेश सचान की पुरानी “फाइल” खुल गई है। मनुष्य को अपने गुनाहों की सजा भी इसी जन्म में मिलती है। मनुष्य कोई भी गुनाह कर ले वह कानून की नजरों से बच नहीं सकता है, कानून के हाथ लंबे होते हैं। कैबिनेट मंत्री राकेश सचान अदालत की ओर से अब दोषी करार दिए गए हैं। बता दें कि राकेश सचान यूपी में “दल बदलू” भी जाने जाते हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कानपुर के भोगनीपुर से जीत कर आए राकेश सचान को हाईकमान की सिफारिश पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राकेश सचान के साथ अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन शनिवार को कानपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ चोरी का एक “पुराना चिट्ठा” खोलते हुए उन्हें दोषी करार दिया। आइए आप पूरी घटना को जानते हैं। यह मामला तब का है जब राकेश सचान रेलवे में ठेकेदारी किया करते थे। 35 साल पुराने गिट्टी चोरी के इस मामले में राकेश सचान के खिलाफ आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में चोरी हुई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी। इसी मामले में शनिवार को कानपुर की कोर्ट ने योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान को दोषी करार दिया है। कानपुर की एसीएमएम-III कोर्ट ने गिट्टी चोरी के एक मामले में दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, फैसला आने से पहले ही मंत्री राकेश सचान कोर्ट से “फरार” हो गए। गिट्टी चोरी के मामला कई सालों से कोर्ट में विचाराधीन था। हालांकि इस मामले में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने बताया कि उनकी तबीयत खराब हो गई थी इसलिए वह कोर्ट से चले गए थे। हालांकि बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है। वहीं दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि राकेश सचान के गायब हो जाने के बाद कोर्ट कर्मी ने तहरीर भी दी है। हालांकि कोतवाली पुलिस तहरीर को लेकर फिलहाल चुप्पी साधे है। फिलहाल योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान की मुश्किल बढ़ गई है। अब कोर्ट अगर उनके खिलाफ एक बड़ा फैसला देता है तो उन्हें मंत्री पद की कुर्सी भी छोड़नी पड़ सकती है ? वहीं उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टी सपा ने राकेश सचान को लेकर तंज कसा है।सपा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “यूपी में कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपाई! योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने चोरी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, सजा सुनते ही कोर्ट से भाग निकले मंत्री महोदय। शर्मनाक! यही है भाजपाइयों का असली चरित्र, मंत्री से तत्काल इस्तीफा लें मुख्यमंत्री।
यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने सपा के साथ शुरू की थी अपनी राजनीतिक पारी–
अब आइए जान लेते हैं योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के बारे में। कानपुर के किदवई नगर इलाके के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते थे। राकेश सचान 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। शिवपाल सिंह यादव के कहने पर मुलायम सिंह ने राकेश सचान को 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया था। राकेश सचान ने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को लगभग एक लाख वोटों से हराया था। इस जीत के बाद राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी बन गए थे।
साल 2019 लोकसभा चुनाव में वे सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस पार्टी परिवर्तन की वजह के पीछे बताया गया था कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सपा-बसपा गठबंधन के समय फतेहपुर सीट पर बसपा का प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरा था, जिससे वह नाराज हो गए थे। इस नाराजगी के बीच उन्होंने अपने समस्या अखिलेश यादव के सामने भी रखी थी लेकिन गठबंधन के चलते उनकी नहीं चली। ऐसे में उन्होंने सपा की साइकिल से उतरकर कांग्रेस पार्टी में चले गए थे। करीब 2 सालों तक कांग्रेस के साथ रहने वाले राकेश सचान यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले इसी साल बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद राकेश सचान ने कानपुर देहात के भोगनीपुर चुनाव जीते थे और योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया ।