सावन के महीने में कांवड़ियों को कड़े नियमों का करना होता है पालन, बहुत पवित्र मानी जाती है कांवड़ यात्रा - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 15, 2025
Daily Lok Manch
उत्तराखंड धर्म/अध्यात्म राष्ट्रीय

सावन के महीने में कांवड़ियों को कड़े नियमों का करना होता है पालन, बहुत पवित्र मानी जाती है कांवड़ यात्रा

(Kawar Yatra 2022) : साल में 12 महीने होते हैं। हर महीने का अपना- अपना महत्व है। लेकिन सावन माह की बात ही निराली है। इस महीने में धार्मिक महत्व के साथ सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी बरकरार है। वहीं सावन में मौसम का अलग नजारा दिखाई पड़ता है, रिमझिम फुहारों के बीच पूरा वातावरण हरा भरा हो जाता है। सावन मास भगवान शिव जी को समर्पित है। आज से सावन महीने की शुरुआत हो गई है। 12 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा। इस महीने में सावन सोमवार को व्रत रखा जाता है। इस बार चार सावन सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार 18 जुलाई, दूसरा 25 जुलाई, तीसरा 1 अगस्त और चौथा 8 अगस्त को है। सावन महीने के साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। सावन में महादेव की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ, व्रत, उपाय, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि किए जाते हैं। सावन में भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। सावन में सोमवार के साथ कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व हैं। कहते हैं जो जातक श्रावण माह में कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, भगवान भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। कांवड़ यात्रा बहुत पवित्र यात्रा मानी जाती है। इसमें कांवड़ियों को शुद्धता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। पूरी यात्रा में बिना स्नान के कांवड़ को छूना अशुभ माना जाता है। यात्रा के दौरान भक्तों को सात्विक भोजन का सेवन करना होता है। हरिद्वार हरकी पैड़ी में कई राज्यों के कांवड़िए गंगाजल लाकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती है। रास्ते में कांवड़ को जमीन पर नहीं। गंगाजल कांवड़ में भरकर पैदल ही आना पड़ता है। सड़कों पर बम बम भोले के जयकारे सुनाई पड़ते हैं। कांवड़ियों के मार्ग पर लोग उनका स्वागत करने के लिए जगह-जगह जलपान की भी व्यवस्था करते हैं । धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को सावन के महीने में आशीर्वाद देते हैं। कोरोना महामारी की वजह से 2 साल बाद आज से शुरू हुई कांवड़ यात्रा को लेकर शिव भक्तों में उल्लास दिखाई दिया।

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