सोमवार सुबह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बाबा केदारनाथ धाम पहुंचने पर वहां के तीर्थ पुरोहितों ने जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया, जिसके चलते त्रिवेंद्र सिंह को बिना दर्शन किए लौटना पड़ा। जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने विरोध के बीच दर्शन किए। केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का तीर्थ पुरोहितों ने करीब दो घंटे विरोध किया। काले झंडे दिखाए गए। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर एक बार फिर चारधामों के तीर्थ पुरोहितों का रोष बढ़ता जा रहा है।
सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया। गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था । तभी से चारों धामों के यह तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले दिनों चारों पुरोहितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून आकर मुलाकात भी की थी। उस दौरान इन तीर्थ पुरोहितों ने कुछ दिनों के लिए अपना अनशन और धरना स्थगित करने का आश्वासन भी दिया था। अब एक बार फिर तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर सड़क पर आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। वहीं बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने दीपावली से एक दिन पहले तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर मांग को अनसुना करने का आरोप भी लगाया है। चारधामों में यात्रा व्यवस्था और प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, जिसका शुरुआत से ही तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं। बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर महापंचायत ने लंबा आंदोलन भी किया था। अब एक बार फिर तीर्थ पुरोहित मुखर हो गए हैं। उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के केदारनाथ पहुंचने पर विरोध किया। उनका कहना है कि त्रिवेंद्र रावत ही देवस्थानम को लाने वाले हैं। बता दें कि तीर्थ पुरोहितों के एक बार फिर से आंदोलन छेड़ने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित दौरे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए ‘सिरदर्द’ बढ़ा दिया है।