दिनांक:- 28 अप्रैल 2023
🌺 आज का पंचांग 🌺
दिन:-शुक्रवार
युगाब्दः- 5125
विक्रम संवत- 2080
शक संवत -1945
अयन – सौम्यायण (उत्तरायण)
गोल – सौम्यायण (उत्तर गोल)
ऋतु – वसन्त
काल (राहु)- दक्षिण दिशा
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल पक्ष
तिथि- अष्टमी
नक्षत्र – पुष्य
योग – शूल
करण- बव
दिशा शूल- पश्चिम दिशा में
🌞सूर्योदय:- 5:27
🌞पाक्षिक सूर्य— भरणी नक्षत्र में
🌺आने वाला व्रत व विशेष:- जानकी नवमी व्रत- शनिवार ।
🌻🌸 सांस्कृतिक कोश🌸🌻
महाभारत युद्ध के अंतिम दिन पराजित दुर्योधन द्वैपायन सरोवर में जाकर छिपा था ।
🌓अर्धप्रहरा:- (दिन के) दिन के 8:57 से 12:01 बजे तक ।
🌚 राहु काल:- दिन के 10:18 से 11:56 बजे तक ।
🌺🌼 आज का सुविचार🌼🌺
सुन्दर और सुखमय जीवन के लिए बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है ।

28 अप्रैल का राशिफल—–
मेष: आज का दिन आर्थिक रूप से अच्छा रहने वाला है। आज जातकों की इच्छाएं पूर्ति होने के कारण मन प्रसन्न रहेगा। महिलाएं आज बचत की नई योजना बना सकती हैं। घर के साज-सज्जा की कोई वस्तु खरीदें। विद्यार्थी वर्ग को मेहनत करने पर भी आशाजनक परिणाम नहीं मिलेगा।
वृषभ: आज के दिन जातक जिस भी कार्य को करने का प्रयत्न करेंगे, उसमें संतोषजनक परिणाम नहीं मिलेंगे, जिसके कारण मन उदास रहेगा। धन संबंधित व्यवहार सोच समझ कर करें, उधारी में नुकसान हो सकता है। शेयर सट्टे के कार्य से हानि हो सकती है, सतर्क रहें। पारिवारिक वातावरण महिलाओं के लिए सुखमय बनेगा, सेहत उत्तम रहेगी।
मिथुन: आज का दिन आर्थिक रूप से अच्छा नहीं है। किसी के प्रलोभन में आकर पैसे खर्च न करें। सामाज में नाम सम्मान ख्याति बढ़ेगी। काम के प्रति आप आज ईमानदार रहेंगे। नौकरी पेशा वर्ग अधिकारियों से सम्भल कर रहें, मान हानि हो सकती है। आज शारीरिक परिश्रम की अपेक्षा मानसिक परिश्रम अधिक रहेगा।
कर्क : आज आपके विरोधी परास्त होंगे। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। कार्य स्थल पर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। आकस्मिक यात्रा के योग बनेंगे, संभव हो तो आगे के लिए टालें। धैर्य से दिन व्यतीत करें। बात करते वक्त गलत शब्दों का प्रयोग न करें।
सिंह: आज का दिन जातक के मान सम्मान में वृद्धि करवाने वाला है। शाम का समय मनोरंजन में व्यतीत करेंगे। सेहत में बदलाव आएगा, लेकिन इससे दिनचर्या प्रभावित नहीं होगी। कार्य समय से पहले ही पूरा कर लेंगे। निवेश करने से पहले अनुभवी व्यक्ति की राय अवश्य लें, क्योंकि भविष्य में धोखा होने के आसार है। पारिवारिक स्थिति मजबूत रहेगी।
कन्या : आज का दिन जातक का अच्छा बीतेगा। धार्मिक कार्यक्रम में समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न बरतें। मानसिक रूप से अशांत रहेंगे। मध्याह्न के बाद आर्थिक जोखिम न उठाएं। पुराने मित्र से आकस्मिक मुलाकात होगी। संतान सुख मिलेगा।
तुला: आज का दिन जातक का अस्त व्यस्त रहेगा। रिश्तेदारों का कार्य पूर्ण करने में समय व्यतीत होगा। सेहत को लेकर आकस्मिक घटनाएं घटित होंगी लापरवाही बिलकुल न बरतें। निकट के व्यक्ति पर अधिक भरोसा न करें। आर्थिक रूप से नुकसान हो सकता है कोई भी जोखिम न उठाएं। गृहस्थी में छोटी-छोटी बातों पर नोकझोंक होगी।
वृश्चिक: आज के दिन जातक में मानसिक चंचलता ज्यादा रहेगी। जिसके कारण कोई भी कार्य पर मन ठीक से नहीं लगेगा। कोई पुरानी लेनदारी वापस आएगी। कार्य क्षेत्र पर आज किसी से भी व्यर्थ की बहस न करें। नौकरी पेशा लोग अपने से बड़े पद पर बैठे अधिकारियों से ज्यादा सावधानी बरतें। आज अधिकांश कार्य अधूरे रहने के कारण मन अशांत रहेगा। विद्यार्थी पढ़ाई से मन चुराएंगे।
धनु: आज का दिन जातक का भाग्योदय करने वाला रहेगा। प्रतिष्ठित लोगों से पहचान बढ़ेगी, जिससे भविष्य में लाभ होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसायी वर्ग को आकस्मिक लाभ होगा। नौकरी पेशा जातक को परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। शाम का समय थकान वाला रहेगा।
मकर: आज का दिन जातक का व्यस्तता भरा रहेगा। भोजन समय पर न करने से चिड़चिड़ा महसूस करेंगे। अधिकांश समय यात्राओं में व्यतीत होगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य रहेगा। नए कार्य का आरम्भ आज न करें हानि होगी। जीवनसाथी के साथ संबंधों में आत्मीयता की कमी रहेगी।
कुंभ: आज का दिन जातक का सुख में वृद्धि करने वाला रहेगा। विद्यार्थियों के लिये आज आप् मार्गदर्शक बनेंगे। मनमौजी प्रवृति आपको आन्तरिक रूप से शांत रखेगी लेकिन अन्य लोगों को परेशानी हो सकती है। आज आप दूसरों पर अपनी छाप छोड़ेंगे, लोग आपसे प्रभावित होंगे। सिर में दर्द की शिकायत रह सकती है।
मीन: आज का दिन जातक को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। आशानुकूल लाभ न होने के कारण मन अशांत रहेगा। कार्य को लेकर न लापरवाही बरतें। सरकारी कार्य में उलझने आएंगी। आर्थिक लाभ पाने के लिए परिश्रम के साथ वाणी में मधुरता रखें। भाई से वाद-विवाद हो सकता है। संबंधों में खटास आ सकती है।
कब है सीता नवमी, जानें पूजा की विधि –👇

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी कहते हैं। इस बार यह शुभ तिथि, 29 अप्रैल, 2023 को है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन ही भगवान राम की पत्नी, माता सीता का धरती पर अवतरण हुआ था। सीता नवमी का उतना ही महत्व है, जितना राम नवमी का। सीता नवमी को सीता जन्मोत्सव और जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माता सीता के कारण श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम बने। माता सीता का पूरा जीवन संघर्षों में बीता और उनका सम्पूर्ण जीवन आज भी प्रेरक और प्रासंगिक है। मान्यताओं के अनुसार, सीता नवमी के दिन विधि-विधान के साथ माता सीता और श्रीराम की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और इस दिन व्रत करने से माता सीता जैसी पवित्रता मिलती है।
सीता नवमी का महत्व
भगवान राम को विष्णु का अवतार माना गया है और माता सीता को माता लक्ष्मी का। सीता, नवमी के दिन मटके में अवतरित हुई थीं। कहा जाता है कि इस दिन माता सीता की पूजा श्रीराम के साथ करने पर श्रीहरि और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। मान्यताओं के अनुसार, सीता माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में कभी किसी चीज़ की कमी नहीं रहती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन विधि-विधान से माता सीता और भगवान राम की पूजा करने से 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल और समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिलता है।
भूमि से हुआ माता सीता का जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महाराज जनक संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ की भूमि तैयार कर रहे थे। इसके लिए वे हल से भूमि जोत रहे थे, तभी एक बालिका का प्राकट्य हुआ। तब से जोती हुई भूमि और हल की नोक को भी सीता कहा जाता है। इसलिए उस बालिका का नाम सीता रखा गया और इस पर्व को जानकी जयंती के नाम से जाना गया। माता सीता का विवाह अयोध्या के राजकुमार श्रीराम के साथ हुआ था।
सीता नवमी पूजा विधि
सीता नवमी की पूजा और व्रत करने वाले जातक सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत और पूजा का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता सीता और भगवान राम की तस्वीर या मूर्ति रखें। इसके बाद पूरी जगह पर गंगाजल से छिड़काव करें। माता सीता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद रोली, माला, फूल, चावल, धूप, दीप, फल व मिष्ठान अर्पित करें। तिल के तेल या गाय के घी से दीपक जलाएं और फिर माता की आरती उतारें। इसके बाद 108 बार माता सीता के मंत्रों का जाप करें और सीता चालीसा का पाठ करें। शाम के समय माता सीता की पूजा करें और दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से माता सीता जल्द प्रसन्न होती हैं और सदा सुहागन रहने का वरदान देती हैं।