उत्तराखंड में आज हरेला की धूम, प्रदेश वासी इस लोकपर्व को हरियाली उत्सव के रूप में मनाते हैं, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
August 8, 2025
Daily Lok Manch
Recent उत्तराखंड

उत्तराखंड में आज हरेला की धूम, प्रदेश वासी इस लोकपर्व को हरियाली उत्सव के रूप में मनाते हैं, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं




उत्तराखंड में लोक पर्व हरेला आज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस पर्व के नाम से ही हरियाली की याद आ जाती है। इसीलिए इसको हरेला कहा जाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी हैं। हरेला उत्तराखंड के प्रमुख लोक पर्व में से एक है जो प्रकृति पूजा और हरियाली के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में खासतौर पर मनाए जाने वाला हरेला त्योहार हरियाली और नवजीवन का प्रतीक है और स्थानीय परंपराओं में इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दिन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधे भी लगाए जाते हैं।
हरेला का त्योहार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की संस्कृति में रचा बसा हुआ है। हरेला शब्द हरियाली से बना है जो नई फसल की बुवाई, समृद्धि जीवन का प्रतीक है। यह वर्षा ऋतु के आगमन का उत्सव मनाने का भी पर्व है। जब बरसात के बाद खेतों से लेकर पहाड़-मैदान सब लहलहाने लगते हैं। प्रकृति की छटा देखते ही बनती है तब हरेले का त्योहार मनाया जाता है।


हरेला को तिमिले या मालू के पत्ते के दोने या बांस की टोकरी या मिट्टी के बर्तन में बोया जाता है। समय के साथ प्लास्टिक की छोटी टोकरियों ने भी इसका स्थान ले लिया है। तीन, पांच या सात टोकरियों में मिट्टी भरी जाती है और इनमें पांच या सात अनाज डाले जाते हैं। जो कि जौ, गेहूं, मक्का, धान, उड़द, गहत और चना आदि हो सकते हैं। इन्हें साफ स्थान में छाया में रखा जाता है और हर दिन थोड़ा-थोड़ा पानी इनमें डाला जाता है। पांचवें दिन से अनार के पेड़ की लकड़ी से इनकी गुड़ाई की जाती है। इसके बाद दसवें दिन जिस दिन हरेले का त्योहार मनाया जाता है, उस दिन इनकी पूजा की जाती है और इन्हें घर के मंदिर, ईष्ट देवता, ग्राम देवता और स्थानीय देवताओं को चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि जितना अच्छा हरेला उगा होगा, उस साल उतनी अच्छी फसल होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समस्त प्रदेशवासियों को प्रकृति और लोक परंपरा को समर्पित लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। लोक पर्व हरेला हमारी समृद्ध संस्कृति का प्रतीक होने के साथ ही प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का भी पर्व है। यह पावन पर्व आस्था और पर्यावरण को एक साथ पिरोता है और हमें स्मरण कराता है कि प्रकृति हमारे जीवन का आधार है, और इसकी रक्षा हमारा धर्म। आइए, इस पावन अवसर पर हम सभी पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें।

Related posts

15 सितंबर, शुक्रवार का पंचांग और राशिफल

admin

15 जुलाई, मंगलवार का पंचांग और राशिफल

admin

Uttarakhand CM Dhami security Tied : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी की बढ़ाई गई सुरक्षा, सीएम से मिलने वालों का होगा सत्यापन, मीडिया कर्मियों की भी होगी जांच

admin

Leave a Comment