आज भारतीय संगीत जगत का एक युग खत्म हो गया। सुर मौन हो गए। लखनऊ की ड्योढ़ी भी सुनी हो गई। अब देश में कोई नहीं होगा दूसरा पंडित बिरजू महाराज। पंडित बिरजू महाराज के निधन के बाद देश ने एक महान कथक सम्राट खो दिया है। 83 साल की आयु में पंडित बिरजू महाराज ने देश रात दिल्ली में दुनिया को अलविदा कह दिया। कथक सम्राट का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सोमवार सुबह जब बिरजू महाराज के निधन की जानकारी हुई तो संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। संगीत जुड़े कलाकारों ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर अपनी श्रद्धांजलि दी है। लोकप्रिय भोजपुरी गायिका मालिनी अवस्थी ने ट्विटर पर लिखा, आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए। अपूर्णीय क्षति है यह। ॐ शांति।प्रसिद्ध सिंगर अदनान सामी ने ट्विटर पर लिखा- महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने पंडित बिरजू महाराज को दी श्रद्धांजलि–
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा- पंडित बिरजू जी महाराज भारत की कला और संस्कृति के प्रवर्तक थे। उन्होंने कथक नृत्य के लखनऊ घराने को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है। उनका निधन कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, कथक सम्राट, पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका जाना कला जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। बिरजू महाराज का असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी मशहूर कथक नर्तक थे। बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इसके अलावा इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में म्यूजिक भी दिया था। बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है।