कश्मीर में आयोजित जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक बुधवार को संपन्न हो गई। अंतिम दिन विदेशी प्रतिनिधियों ने श्रीनगर के कई दार्शनिक स्थलों का दौरा किया। जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की सोमवार से शुरू हो रही तीन दिवसीय बैठक के लिए श्रीनगर शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। कश्मीर घाटी में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं ताकि यह हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम शांतिपूर्वक आयोजित किया जाए। श्रीनगर एयरपोर्ट से शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) के बैठक स्थल तक के मार्ग को दीवारों पर G20 लोगो लगाया गया है। प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए जगह-जगह बड़े पैमाने पर होर्डिंग्स लगाए गए हैं।बैठक में शामिल होने के लिए 17 देशों से 60 विदेशी प्रतिनिधि पहुंचे। कश्मीर की वादियों में 370 हटने के बाद पहला बड़ा आयोजन हो रहा है। हालांकि चीन, तुर्किए, सऊदी अरब, मिस्र और इंडोनेशिया ने इस मीटिंग का बॉयकॉट किया है।
सभी विदेशी मेहमानों का श्रीनगर एयरपोर्ट पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने अगवानी की। पारंपरिक वेशभूषा में कश्मीरी युवतियों ने पगड़ी, तिलक और फूलों से उनका स्वागत किया।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बैठक भारत के लिए जम्मू-कश्मीर के बदले परिदृश्य को दिखाने का मौका है, जो पहले पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के साए में था। पहले कश्मीर में जब कोई बड़ा इवेंट होता था तो पाकिस्तान से हड़ताल का आह्वान होता था, लेकिन आज फर्क यह है कि कश्मीर में सब कुछ खुला है। यह बैठक प्रतिनिधियों को जम्मू-कश्मीर में हुए बदलाव को खुद देखने का मौका देगी। आप खुद अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पेश तस्वीर से इसकी तुलना कर सकेंगे। कश्मीर के युवा आगे बढ़ने की सोच रखते हैं, बहुत महत्वाकांक्षी हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल बनाएं कि हम अपने बच्चों के साथ अन्याय न करें। G20 के भारतीय समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस मीटिंग में शामिल होने वाले प्रतिनिधि देख सकेंगे कि धरती पर स्वर्ग कैसा होता है। हमने अब तक 118 से ज्यादा बैठकें की हैं।