अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों की हुई भिड़ंत के बाद मंगलवार 13 दिसंबर को राजधानी दिल्ली की सियासत खूब गर्म रही। इन दिनों संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। इसके साथ 13 दिसंबर की तारीख भी 21 साल पहले संसद में हुए हमले की भी याद दिलाती है। इन सभी पर आज सिलसिलेवार चर्चा करेंगे। सुबह संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन के बाहर संसद में हमले के शहीद हुए जांबाज जवानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने श्रद्धांजलि दी। उसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कार्यवाही शुरू हुई।
बता दें कि सोमवार शाम को अरुणाचल के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प की खबरें आते ही रुकते हो गया था कि विपक्ष संसद में इस मुद्दे को लेकर जरूर मोदी सरकार को घेरेगा, ऐसा ही हुआ। मंगलवार सुबह जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस समेत कई विपक्षी सांसदों ने चीन के साथ हुई झड़प को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा शुरू कर दिया। 9 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद संसद में विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा समेत कई नेताओं ने चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हुई झड़प को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगना शुरू कर दिया।
कांग्रेस के कुछ सांसदों ने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं। तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई। कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी। सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘हमारी सेना ने चीनी फौज को बहादुरी से जवाब दिया है’। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि चीन ने सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने का काम किया। चीन के सैनिकों को पीछे जाना पड़ा। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना के बाद क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की। इससे पहले बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, विदेश सचिव एवं रक्षा सचिव भी शामिल थे। मंगलवार सुबह से लेकर शाम तक चीन के साथ हुई झड़प को लेकर पक्ष और विपक्ष का टकराव चलता रहा। इस बीच एक ऐसी फोटो 8 साल बाद साल 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद पहली बार देखने को मिली। सुबह संसद भवन में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह कतार में खड़े हुए हैं। इन तीनों नेताओं के चेहरे पर कुछ गुस्से के भाव भी दिखाई दे रहे हैं। वहीं दिल्ली भाजपा की ओर से पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह की फोटो को शेयर किया गया है। फोटो शेयर करते हुए भाजपा ने कैप्शन में लिखा- “दुश्मनों को भी है इन निर्भीक आँखों का डर हिम्मत नहीं कोई उठा दे भारत पर नजर” । इसके साथ भाजपा ने अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष को भी जवाब दिया है। यह फोटो सोशल मीडिया पर को वायरल हो रही है।