हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 1 दिन पहले यानी 8 दिसंबर को कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से हटाकर पूर्ण बहुमत हासिल किया। इसके बाद कांग्रेसी खेमे में जश्न का माहौल था। पार्टी के कार्यकर्ता राजधानी शिमला से लेकर पूरे प्रदेश में जश्न मनाते हुए सड़कों पर दिखाई दिए। लेकिन 24 घंटे बाद ही हिमाचल प्रदेश में कांग्रेसी खेमे में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। सबसे बड़ी लड़ाई अब मुख्यमंत्री को लेकर शुरू हो गई है। हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री बनने की तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन राज्य हिमाचल में अब मुख्यमंत्री बनने के कई दावेदारों ने खुलकर बगावत शुरू कर दी है। शुक्रवार 9 दिसंबर को हिमाचल में कांग्रेस की ओर से सीएम की कुर्सी को लेकर जोरदार घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पद के लिए प्रदेश के 6 नेता दावा कर रहे हैं। इस बीच, नाटकीय मोड़ तब आया जब हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंही हुड्डा सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ प्रदेश का एक भी नेता मौजूद नहीं था। इससे पहले तीनों नेताओं ने दोपहर लगभग 1 बजे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से होटल में ही बैठक की। होटल में तीनों से मिलने के बाद प्रतिभा सिंह सीधे अपने निजी आवास हॉली-लॉज चली गईं। दूसरी ओर कांग्रेस के सभी विधायक शिमला के अलग-अलग होटलों में जुटे हैं। वे अलग-अलग गुटों में मीटिंग कर रहे हैं। 18 विधायकों के साथ सुक्खू गायब, मोबाइल भी बंद सीएम पद के दूसरे सबसे तगड़े दावेदार पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू शाम साढ़े 4 बजे तक शिमला नहीं पहुंचे। 18 विधायक भी उनके साथ हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर कहा है कि कांग्रेस के 40 विधायक मिलकर हिमाचल में सरकार बनाएंगे। कोई भी कांग्रेस नेता बिकाऊ नहीं है। अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है, उस भरोसे पर कांग्रेस खरा खरा उतरने का प्रयास करेगी।
सुखविंदर सिंह सुक्खू का मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा है। शिमला स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दोपहर 3 बजे विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, जो अब 6 बजे होगी। सुखविंदर सिंह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की राह पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर 24 घंटे से कांग्रेस में जारी सियासी घमासान पर भाजपा पूरी तरह से नजर लगाए हुए हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 6 बजे होनी है, लेकिन उसके पहले कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के पहुंचने पर प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने गाड़ी रोकर नारेबाजी की। प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की।
सबसे खास बात यह है कि पार्टी प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में शायद तैयार न हो। इसकी बड़ी वजह यह है कि प्रतिभा सिंह मौजूदा समय में हिमाचल की के मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की सांसद हैं। अगर प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री बनती हैं तो उन्हें अपनी संसदीय सीट छोड़कर 6 महीने के अंदर विधायक होना पड़ेगा। पार्टी हाईकमान ऐसा कभी नहीं चाहेगी। यहां मैं आपको बता दें कि गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों में कांग्रेस को 68 में से 40 सीटें मिली हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी को 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा, बाकी तीन अन्य प्रत्याशी जीते हैं।