हिमाचल प्रदेश में 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर बादल फटने से तबाही मची है। वहीं उत्तराखंड के केदारनाथ में भी बादल फटने की घटना सामने आई है। सोमवार रात सोलन के बादल फटने से दो घर बह गए । जिसमें सात की मौत हो गई वहीं तीन लापता हैं। सोलन स्थित ममलीक के जादौन और धायावला गांव में बादल फटा है। सोलन के डीसी मनमोहन शर्मा के मुताबिक बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई है जबकि 6 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। बादल फटने की यह घटना देर रात हुई। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सुबह 7:02 पर समरहिल स्थित शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया। यहां सावन के आखिरी सोमवार के दिन भक्त भगवान शिव की पूजा कर रहे थे। तभी अचानक भूस्खलन हुआ और मंदिर बह गया। जानकारी के मुताबिक, इस भूस्खलन की चपेट में 40 से ज्यादा भक्त आए हैं। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई है । इन्हें रेस्क्यू करने का काम जारी है।
बादल फटने के बाद की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें दिख रहा है कि पूरा गांव मलबे से पटा हुआ है और हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। बादल फटने की इस घटना में दो घर और एक गौशाला भी बह गई है। कई जगहों पर रास्ते बंद हैं। लोग जगह-जगह फंसे हैं। हिमाचल के पहाड़ों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। इस बीच सरकार ने 14 अगस्त को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने आज यानी 14 अगस्त को प्रस्तावित परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
भारी बारिश में भूस्खलन के कारण कुल्ली मनाली जाने वाले रास्ते बंद हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे से पंडोह के बीच कई जगहों पर भी रास्ते बंद हैं।
इस घटना पर हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट किया कि सोलन जिले की धवला उप-तहसील के गांव जादोन में बादल फटने की दुखद घटना में 7 लोगों की जान जाने के बारे में सुनकर दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। इस कठिन समय में हम आपके दर्द और दुख में सहभागी हैं। हमने अधिकारियों को इस मुश्किल समय के दौरान प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद और सपोर्ट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
पूरे हिमाचल प्रदेश में 2 नेशनल हाइवे समेत 452 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 233 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जिले की 60 सड़कें बंद पड़ी हैं। इन सड़कों के बंद होने के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित है।बाढ़-बारिश से 1800 से ज्यादा ट्रांसफर्मर खराब हैं, जिससे बड़े हिस्से में बिजली सेवा भी ठप हो गई है और लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में भी लगातार हो रही भारी बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है। राजधानी देहरादून से लेकर पहाड़ों तक भूस्खलन से कई मार्ग बंद है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिंचलोली के पास रविवार देर रात बादल फटने की घटना सामने आई है। बादल फटने से टेंटों में सो रहे करीब छह लोग फंस गए। जिनमें से पांच लोगों को निकाल लिया गया है, जबकि एक व्यक्ति अभी भी फंसा हुआ है। जिसका रेस्क्यू किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर छानी कैंप में तीन दुकानों को नुकसान पहुंचा है। पैदल मार्ग पूर्ण तह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।