लोकसभा के बाद दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया है। सोमवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। दिल्ली सर्विसेज बिल को राज्यसभा ने भी सोमवार को मंजूरी दे दी। बिल पर करीब 8 घंटे की लंबी चर्चा में बाद वोटिंग हुई। पक्ष में 131 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 102 वोट। ये बिल मोदी सरकार और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के बीच नाक की लड़ाई का सबब बना हुआ था। बिल को लोकसभा की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह कानून की शक्ल ले लेगा। इस कानून के बाद दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेफ्टिनेंट गवर्नर की चलेगी।
राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित होने के तुरंत बाद, जो शहर में अधिकारियों को नियुक्त करने या स्थानांतरित करने की निर्वाचित सरकार की शक्ति को छीन लेता है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘जनता ने साफ कहा था कि केंद्र उन्हें हराकर दिल्ली में दखल न दे, लेकिन पीएम जनता की बात नहीं सुनना चाहते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जो भी करते हैं, दिल्ली की जनता उसमें उनका समर्थन करती है और उन्होंने चुनाव में उन्हें जिताकर अपना समर्थन दिखाया है। उन्होंने कहा, भाजपा सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है। वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी।
केजरीवाल ने आगे कहा कि पीएम मोदी में इतना ‘अहंकार’ है कि वह न तो जनता की सुनते हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट की सुनते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था। केजरीवाल ने कहा, आज, उन्होंने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा।