आमतौर पर देखा जाता है कि कोई भी चुनाव क्यों न हो उसमें पक्ष और विपक्ष के बीच टक्कर रहती है। लेकिन कुछ चुनाव ऐसे भी होते हैं जिसमें अपनों के बीच ही रोमांचक मुकाबले देखने को मिलता है। ऐसा ही एक मंगलवार 12 अगस्त को एक ऐसा चुनाव हुआ जिसमें भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान के बीच जीतने को लेकर सियासी जंग देखने को मिली। सबसे खास बात यह रही कि इसमें विपक्ष के सांसदों ने भी वोटिंग की। आखिरकार राजीव प्रताप रूडी ने बाजी मार ली उन्होंने संजीव बालियान को कड़ी टक्कर के बाद हरा दिया। कांस्टीट्यूशन क्लब का बहुप्रतीक्षित चुनाव भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान के बीच हाई-वोल्टेज मुकाबले में तब्दील हो गया। माहौल में और रोमांच तब जुड़ गया जब विपक्षी खेमे के कई दिग्गज नेताओं ने भी मतदान में हिस्सा लिया। नतीजों में राजीव प्रताप रूडी ने बाजी मारते हुए न सिर्फ संजीव बालियान को मात दी, बल्कि विपक्षी वोटों की अहम बढ़त से अपनी जीत और भी पुख्ता कर ली।
कांस्टीट्यूशन क्लब के रोमांचक चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने अपने प्रतिद्वंद्वी और पार्टी के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मात देकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। इस चुनाव में कुल 1,425 वोट पड़े, जिसमें रूडी को 815 और बालियान को 610 वोट मिले। दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा के नेताओं के साथ-साथ विपक्षी दलों के कई बड़े नेता भी मतदान के लिए पहुंचे। इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डीएमके नेता टी.आर. बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव समेत कई दिग्गज शामिल रहे।
जीत के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह केवल एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि संसदीय परंपराओं और आपसी सौहार्द का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कांस्टीट्यूशन क्लब सांसदों के विचार-विमर्श, संवाद और मेलजोल का महत्वपूर्ण मंच है, जिसे सभी दलों के सहयोग से और मजबूत बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया संसद भवन परिसर के पास स्थित एक प्रतिष्ठित संस्था है, जिसकी सदस्यता केवल सांसदों और पूर्व सांसदों को मिलती है। यहां राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ आपसी संवाद का भी माहौल बनता है। राजीव प्रताप रूडी का इस क्लब में दबदबा पिछले 25 वर्षों से कायम है और इस चुनाव में उन्होंने एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ साबित कर दी।

कांस्टीट्यूशन क्लब सांसदों का संवाद और मेलजोल का प्रतिष्ठित मंच
कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया संसद भवन परिसर के निकट स्थित देश की एक प्रतिष्ठित संस्था है, जिसकी सदस्यता केवल वर्तमान और पूर्व सांसदों को ही मिलती है। इसकी स्थापना का उद्देश्य सांसदों को एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना था, जहां वे दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर संवाद, विचार-विमर्श और आपसी मेलजोल कर सकें। यहां राजनीतिक बहस से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठियां, पुस्तक विमोचन और सामाजिक कार्यक्रम तक आयोजित होते हैं। क्लब में रेस्तरां, बैठक कक्ष, लाइब्रेरी, खेल-कूद और जिम जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। यह केवल औपचारिक बैठकों का स्थान ही नहीं, बल्कि नेताओं के अनौपचारिक मेलजोल का भी केंद्र है, जहां राजनीतिक मतभेदों के बीच भी व्यक्तिगत रिश्ते मजबूत होते हैं। समय-समय पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के शीर्ष नेता भी यहां कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं। पिछले कई वर्षों में कांस्टीट्यूशन क्लब न केवल संसदीय परंपराओं का गवाह बना है, बल्कि देश की राजनीति में अहम फैसलों और चर्चाओं का भी मूक साक्षी रहा है।

जानिए राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान के बारे में
कांस्टीट्यूशन क्लब का इस बार का चुनाव सिर्फ एक साधारण प्रक्रिया नहीं, बल्कि भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के बीच हाई-वोल्टेज राजनीतिक टक्कर बन गया। बिहार के सारण से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी तथा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान आमने-सामने थे। राजीव प्रताप रूडी का कांस्टीट्यूशन क्लब प्रबंधन में 25 साल से भी अधिक का प्रभाव रहा है। 1996 में पहली बार छपरा (अब सारण) से सांसद बनने के बाद उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री और मोदी सरकार में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री के रूप में काम किया।
संसदीय मामलों में उनकी सक्रिय भूमिका और राजनीतिक नेटवर्किंग उन्हें इस पद के लिए मजबूत दावेदार बनाती रही है। वहीं, संजीव बालियान 2014 में मुजफ्फरनगर से पहली बार लोकसभा पहुंचे और मोदी सरकार में कृषि, जल संसाधन, गंगा पुनर्जीवन, पशुपालन और डेयरी जैसे अहम मंत्रालयों में राज्य मंत्री रहे। किसान और जाट समुदाय में उनकी गहरी पकड़ उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभावशाली चेहरा बनाती है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान समाजवादी पार्टी के हरेन मालिक से हार गए थे। चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से लेकर विपक्ष के बड़े चेहरों तक ने मतदान किया। गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने इस चुनाव में हिस्सा लिया। माहौल पूरी तरह रोमांचक रहा और समर्थक दोनों पक्षों के लिए जोर-शोर से लामबंद रहे। नतीजे में एक बार फिर रूडी का दबदबा कायम रहा। उन्होंने बालियान को मात देते हुए कांस्टीट्यूशन क्लब में अपना पुराना वर्चस्व बरकरार रखा। राजनीतिक हलकों का मानना है कि यह जीत उनके पुराने संपर्कों, संगठनात्मक कुशलता और संसदीय अनुभव का परिणाम है। यह चुनाव एक बार फिर साबित करता है कि कांस्टीट्यूशन क्लब सिर्फ मेल-मुलाकात का स्थल नहीं, बल्कि नेताओं के लिए राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का भी अहम मंच है।