सूरत जिला अदालत ने आज गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है। सूरत कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील करने के लिए राहुल गांधी को 30 दिन की जमानत का समय दिया है। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें फिर सरेंडर करना होगा। ऐसे में राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी जा सकती है। अभी कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान के मामले में ऐसे ही हुआ था। बता दें कि राहुल गांधी पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। इससे पहले कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। राहुल फैसला सुनाने के वक्त कोर्ट में मौजूद हैं। ये मामला 2019 का है जब वायनाड से लोक सभा सदस्य राहुल गांधी ने आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी के सरनेम को लेकर टिप्प्णी की थी। जिसके बाद उन पर मानहानि कर मामला दर्ज हुआ था। राहुल ने कथित तौर पर कहा था कि, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’ राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर कराई थी।
आइए जानते हैं मानहानि केस में कोर्ट का सजा का प्रावधान क्या है–
आज गुजरात के सूरत कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मानहानि के केस में 2 साल की सजा सुनाई है। आइए जानते हैं मानहानि केस में सजा का प्रावधान क्या है।
मानहानि केस की बात करें तो किसी व्यक्ति, व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने वाला असत्य कथन मानहानि होता है। अधिकांश न्यायप्रणालियों में मानहानि के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के प्रावधान हैं ताकि लोग विभिन्न प्रकार की मानहानियाँ तथा आधारहीन आलोचना अच्छी तरह सोच विचार कर ही करें और सार्वजनिक जीवन में लोगों पर सोचे समझे कुछ भी आरोप न लगाएं। भारतीय दंड संहिता की मानहानि की धारा 499 के अनुसार भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपन मान-सम्मान, शौहरत, यश इतियादी को सुरक्षित रखने का अधिकार है और इसी के हनन पर मानहानि का केस चलाया जाता है और इसमें जेल की सख्त सजाओं से लेकर जुर्माना भरने तक की सजा का प्रावधान है। ऐसे में मानहानि का केस चलने पर आरोपी को धारा 500 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकता है। आर्थिक उदेश्य के लिए किसी की मानहानि करने पर धारा 502 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकती हैं।