उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। उसी दौरान कानपुर के बेगमगंज थाने में दो समुदायों में हिंसा हो गई। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पिछले दिनों टीवी पर बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और वे इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों को अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर करने वाले लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए, बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हिंसा की चपेट कानपुर के कई इलाकों में फैल गई है। एक समुदाय विशेष के लोगों की पुलिस से झड़प हो गई। दरअसल आज जुमे की नमाज के बाद बाजार को बंद कराने को लेकर बवाल शुरू हुआ। जब पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की तो पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस हंगामे में दो लोग घायल हुए हैं। यहां सैकड़ों लोगों ने पथराव किया है। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। कई राउंड हवाई फायरिंग की गई और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। बताया जाता है कि परेड चौक इलाके में हालात काफी तनावपूर्ण थे, लेकिन फिलहाल नियंत्रण में है। कानपुर में सुरक्षा बलों की 3 कंपनियां तैनात की गई है। 18 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए हैं। वहीं, कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी, कोई बख्शा नहीं जाएगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कानपुर में हुए उपद्रव पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा, ‘भाजपा ने भीड़तंत्र के रूप में जो भस्मासुर पाले हैं, अब वे रंग दिखा रहे हैं। कितनी गंभीर बात है कि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी कानपुर में हैं, उसके बाद भी वहां हिंसा भड़क गई। यूपी में कानून का राज खत्म हो चुका है। आम जनता से अपील है कि कृपया शांति बनाएं रखें।’ सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि पुलिस ने मामले को हवा दी। ये घटना निंदनीय है। बजरंग दल के नेता प्रकाश शर्मा और विहिप नेता मौके भी पहुंचे है। प्रकाश शर्मा ने कहा-माहौल को बिगाड़ने में कुछ खास लोगों का हाथ है।
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