उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए पारदर्शिता लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमर कस ली है । राजधानी लखनऊ में मंगलवार 3 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल्द ही यूपी “शिक्षा सेवा चयन आयोग” का गठन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में प्रदेश में विभिन्न आयोगों के काम में शासन स्तर पर दखल न होने से कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है। जिसके चलते मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यार्थियों का चयन हो रहा है। इसका सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है। प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरुरतों को देखते हुए नीतिगत सुधारों के क्रम में शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप दिया जाना उचित होगा। शिक्षक चयन अयोगों को एकीकृत करते हुए यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन किया जाना चाहिए। शिक्षकों के समयबद्ध चयन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग उपयोगी सिद्ध होगा। सीएम योगी ने कहा कि यूपी शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए। आयोग द्वारा बेसिक, माध्यमिक अथवा उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की सीधी भर्ती के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा। अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाएगी।