अगले महीने मई से शुरू होने वाली उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार सख्त रवैया अपनाया हुआ है। सीएम धामी ने कहा कि इस बार चार धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों का विधिवत तरीके से सत्यापन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य है राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखना। इसके साथ उन्होंने कहा कि इस बार चार धाम यात्रा में हिंदुओं के अलावा किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने बाहर से आने वाले सभी यात्रियों सशक्त सत्यापन किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने यह फैसला पिछले दिनों कई धार्मिक संगठनों के संतों के लिखे गए पत्र के आधार पर किया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि चार धाम क्षेत्र में गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी धर्म विशेष के लोगों के सत्यापन को लेकर कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसलिए यूपी, दिल्ली अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। कुछ दिनों पहले शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा था, जिसको कई लोगों ने समर्थन भी किया था। पत्र में स्वामी आनंद ने लिखा कि काली सेना के साथ मिलकर परिषद ने ‘हिमालय हमारा देवालय’ अभियान चलाया है। इसमें चार धाम यात्रा में गैर-हिन्दुओं के प्रवेश को वर्जित करने के लिए जनता को जागरूक किया गया है। बता दें कि अगले महीने से चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की धार्मिक यात्रा शुरू होने जा रही है। इस यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पिछले कई दिनों से शुरू हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा 3 मई से शुरू हो जाएगी, तो वहीं 6 मई को केदारनाथ के कपाट दर्शन के लिए खुल जाएंगे। बद्रीनाथ में आठ मई से वहां भी श्रद्धालु दर्शन करने आ पाएंगे।