अभी कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड में भारी बारिश ने दोनों राज्यों में बड़ी तबाही मचाई। हालांकि अब उत्तर भारत से लगभग मानसून की विदाई हो चुकी है। लेकिन पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्य सिक्किम में प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य में तबाही जबरदस्त मचा दी है। बुधवार को सिक्किम में बादल फटने से बाढ़ आ गई। बताया जा रहा है कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से तीस्ता नदी का जल स्तर बढ़ गया और कई इलाकों में पानी भर गया। इसके चलते कई सैन्य प्रतिष्ठान भी चपेट में आ गए। सेना के 23 जवानों के भी लापता होने की खबर है। नदी से लगे इलाके में ही सेना का कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया। तेज बहाव की वजह से कई ब्रिज बह गए हैं। आर्मी की गई गाड़ियां पानी में बह गई हैं। राज्य में चारों ओर तबाही का मंजर है। अचानक आई बाढ़ ने राज्य में बड़ा नुकसान भी किया है।
इन जवानों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। जवानों को तलाश करने के लिए सेवा के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ लोकल पुलिस भी लगी हुई है। बताया जा रहा है कि बाढ़ के बाद चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से नीचे के इलाकों में भी 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते सिंगतम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए। इसके अलावा 23 सैन्य जवानों के भी लापता होने की खबर है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने भी सिंगताम में अचानक आई बाढ़ के बाद स्थिति का जायजा ले रहे हैं।



सेना को बचाव कार्य में चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है। जो अधिकारी कमांड स्तर पर हैं उन्हें जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने में कठिनाई हो रही है। अचानक आई बाढ़ में लापता लोगों को बचाने की कोशिशें जारी हैं। गुवाहाटी के डिफेंस पीआरओ ने बताया, चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके कारण सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए। सिक्किम के इस हालातो पर केंद्र भी नजर बनाए हुए हैं। रेस्क्यू अभियान जारी है।