आज बात करेंगे आंध्र प्रदेश की। साल 2014 में तेलंगाना राज्य अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश अभी तक अपनी स्थायी राजधानी को लेकर संतुष्ट नहीं हो सका। इसके साथ आंध्र प्रदेश की जनता भी काफी समय से प्रदेश की एक मजबूत और स्थायी राजनीति की मांग करती रही है। मंगलवार 31 जनवरी को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने घोषणा करते हुए कहा कि अब प्रदेश की नई राजधानी विशाखापट्टनम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि
वे अपना कार्यकाल वहां स्थानांतरित करेंगे। साल 2015 में अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया था। इसके बाद, 2020 में राज्य में तीन राजधानी शहर बनाने की योजना बनाई गई। इनमें करनूल, अमरावती और विशाखापत्तनम शामिल हैं। 3 और 4 मार्च को होने वाले वैश्विक शिखर सम्मेलन की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, यहां मैं आपको विशाखापत्तनम में आमंत्रित कर रहा हूं, जो आने वाले दिनों में हमारी राजधानी बनने जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में मैं खुद विशाखापत्तनम शिफ्ट हो जाऊंगा। साल 2014 में तेलंगाना के अलग होने के बाद कुछ समय तक हैदराबाद दोनों राज्यों की राजधानी थी।