देश में उत्तराखंड ऐसा राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने के लिए सबसे पहले पहल की है। इसी साल फरवरी में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रैली के दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए घोषणा की थी। उत्तराखंड में दोबारा भाजपा की सरकार आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट बैठक में ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को मंजूरी दे दी थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक मसौदा समिति की घोषणा की। धामी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। सीएम धामी ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। धामी के मुताबिक समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायाधीश रंजना देसाई कर रही हैं। इसके अलावा कमेटी में दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज प्रमोद कोहली, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ और कुलपति दून विश्वविद्यालय सुरेखा डंगवाल शामिल हैं। शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया ”देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता (यूजीसी) के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है। बता दें कि इन दिनों पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के चंपावत में हो रहे विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। इसी को लेकर सीएम धामी चंपावत में ताबड़तोड़ जनसभाएं और चुनाव प्रचार कर रहे हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुष्कर सिंह धामी के समर्थन में जनसभा करने आ रहे हैं।