Chaitra Navratri 2023 Lord Maa Kushmanda : चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की आराधना, जानें महत्व और पूजन विधि - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 18, 2024
Daily Lok Manch
धर्म/अध्यात्म

Chaitra Navratri 2023 Lord Maa Kushmanda : चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की आराधना, जानें महत्व और पूजन विधि




नवरात्रि में चौथे दिन मां दुर्गा को को देवी कूष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद-मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्मांडा नाम से जाना जाता है। जब सृष्टि नहीं थी, तब चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब मां कूष्मांडा देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है।

मंत्र 👇

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे।




मां कूष्मांड़ा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए मां अष्टभुजा कहलाती हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।

इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए मां को कूष्मांडा कहते हैं। इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है।

अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांड़ा देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। मां कूष्मांड़ा देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।

विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। मां अपने भक्तों को आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः मां कूष्मांड़ा की उपासना में भक्त सदैव तत्पर रहते हैं और पूरे विधि-विधान के साथ मां की आराधना करते हैं। यदि साधक सच्चे मन से इनका शरणागत बन जाये तो उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो जाती है।

मां कुष्मांडा की पूजन विधि

नवरात्रि के चौथे दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी देवताओं की पूजा करें । इसके बाद देवी कुष्मांडा की पूजा प्रारंभ करें। पूजा शुरू करने से पहले अपने हाथ में फूल लेकर देवी को प्रणाम करें और देवी का ध्यान करें। इस दौरान आप इस मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप अवश्य करें, ऊं देवी कूष्माण्डायै नम: । इसके बाद सप्तशती मंत्र, उपासना मंत्र, कवच, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। पूजा के अंत में आरती अवश्य करें। इस दौरान अनजाने में भी हुई खुद से किसी भी भूल की देवी से क्षमा मांग लें।

Related posts

17 जून, शनिवार का पंचांग और राशिफल

admin

17 दिसंबर शुक्रवार का पंचांग और राशिफल

admin

4 जून, शनिवार का पंचांग और राशिफल

admin

Leave a Comment