पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा ने प्रचंड जीत के साथ अपनी सरकार बना ली है। अब भाजपा हाईकमान बिहार में भी कुछ परिवर्तन (चेंज) चाहती है। इसको हम ऐसे समझें कि अब जेडीयू गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी बड़ा भाई के रूप में दिखना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने बिहार से लेकर दिल्ली तक तैयारी भी शुरू कर दी है। साल 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीट जदयू से ज्यादा आई थी। इसके बावजूद अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाई । इसका कारण था कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा हाईकमान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था। लेकिन अब भाजपा बिहार में अपना मुख्यमंत्री चाहती है। बुधवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान राज्यसभा में जाने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। नीतीश के इस बयान के बाद ही बिहार की सियासत में उठापटक शुरू हो गई है। जेडीयू की सहयोगी भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिल्ली भेजने की पूरी प्लानिंग भी कर ली है। भाजपा हाईकमान भी नीतीश कुमार को दिल्ली बुलाना चाह रहा है। बिहार के भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि अगर नीतीश कुमार राज्य सभा में जाना चाहते हैं तो बीजेपी उनकी इच्छा को पूरा करेगी और ऐसा होने की स्थिति में फिर बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा। वहीं बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने कहा है कि बिहार में नीतीश को सीएम पद से हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री होना चाहिए। इन सब से अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या नीतीश दिल्ली जाएंगे और बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा? पिछले दिनों मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बिहार विधानसभा में 77 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बता दें कि काफी समय से बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार घिरते जा रहे हैं। पिछले दिनों नीतीश कुमार की खराब कानून व्यवस्था को लेकर विधानसभा में स्पीकर के साथ जोरदार बहस भी भी हो गई थी।