हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है। प्रलयकारी बारिश ने राज्य को भारी क्षति पहुंचाई है। शुक्रवार 14 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज हिमाचल में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। जगत प्रकाश नड्डा ने मंडी के पंचवक्त्र महादेव मंदिर का दौरा कर मौके पर नुकसान का जायजा लिया। इसके बाद नड्डा ने मंडी जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पंडोह का भी दौरा किया और लोगों का हालचाल जाना। जेपी नड्डा ने लोगों को इस विपदा की घड़ी में केंद्र सरकार की ओर हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रदेश में आई इस आपदा की घड़ी में पहले दिन से ही केंद्र सरकार, हिमाचल सरकार और प्रशासन के संपर्क में है। केंद्र सरकार हिमाचल की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाएगी। हिमाचल को शुरुआती दिनों में ही गहरे जख्म दिए हैं। बता दें कि बारिश से प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्ति को चार हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। खराब आर्थिक स्थिति के कारण राज्य सरकार बरसात से प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र से मदद मांगेगी। इसके लिए नियमों के तहत पैकेज की डिमांड का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। कुल्लू व मंडी के दौरे से शिमला लौटे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज सचिवालय में विभागों के अफसरों के साथ मीटिंग करेंगे। इस बैठक में नुकसान के आकलन का ब्यौरा लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग रोजाना नुकसान का आकलन करता है। हिमाचल में अकेले सरकारी संपत्ति को 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। इसमें मुख्य रूप से सड़कों, पेयजल व सिंचाई योजनाओं के अलावा बिजली बोर्ड का नुकसान शामिल रहता है। निजी संपत्ति को भी दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का प्रारंभिक आकलन है। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट सीएम के समक्ष रखी जाएगी। उस पर विचार व चर्चा के बाद केंद्र सरकार को राहत मेमोरेंडम की औपचारिक फाइल तैयार कर भेजी जाएगी। साथ ही नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की टीम को भी बुलाया जाएगा। राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र तुरंत मदद करे और आर्थिक पैकेज जारी करे। इससे पूर्व सीएम सुक्खू व अन्य मंत्री भी इस भयावह नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठा चुके हैं।