दुनिया के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल में से एक थाईलैंड ने भारतीयों के लिए वीजा को लेकर बड़ा एलान किया है। यानी अब कोई भारतीय नागरिक थाईलैंड जाना चाहता है तो उसे वीजा नहीं लेना पड़ेगा। थाईलैंड सरकार ने अपने यहां पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए यह योजना लागू की है। इसके साथ थाई सरकार ने ताइवान के नागरिकों को भी फ्री वीजा देने का एलान किया है। एशिया में स्थित थाईलैंड एक ऐसा देश है जिसे भारतीय के लिए मनपसंद टूरिस्ट प्लेस माना जाता है। इसके साथ यहां हिंदू संस्कृति की भी झलक देखने को मिलती है। और देश की अपेक्षा थाईलैंड में घूमने सस्ता भी है। राजधानी बैंकॉक और फुकेत समेत तमाम स्थानों पर भारतीय मूल के लोग आपको मिल जाएंगे। थाईलैंड में घूमने के साथ व्यापार के लिए भी यह देश बहुत अच्छा माना जाता है। राजधानी बैंकॉक में कई बाजार ऐसे हैं जहां भारतीय मूल के लोगों की दुकान और व्यापार हैं। इसके साथ भारत के लोग वहां पर व्यापार करने भी जाते हैं। भारत से कई प्रकार का माल ले जाकर थाईलैंड में बेचते हैं। वहीं थाईलैंड का सामान भी भारत में बेचा जाता है। अब फ्री वीजा होने की वजह से भारतीयों को घूमने के साथ व्यापार में बड़ी राहत मिली है। थाईलैंड जाने के लिए राजधानी दिल्ली से फ्लाइट का किराया भी लोगों की पहुंच में है। इसके साथ 4 से 5 घंटे में थाईलैंड पहुंच जाएंगे। सभी देश अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विदेशी नागरिकों के अनुकूल माहौल तैयार कर रहे हैं। साथ ही उनकी सुविधाओं का भी खास ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में अब थाईलैंड ने भारतीयों नागरिकों के लिए खास ऑफर दिया है। थाईलैंड घूमने के जाने के लिए अब भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सात महीने के लिए फ्री वीजा–
“दरअसल, थाईलैंड ने यात्रियों के लिए अपने वीजा नियमों में ढील दी है। भारत और ताइवान से आने वाले लोग 30 दिनों के लिए बिना वीजा के थाईलैंड में घूमने जा सकते हैं। थाई टूरिज्म के मुताबिक 10 नवंबर 2023 से 10 मई 2024 तक बिना वीजा के थाईलैंड जा सकते हैं। इस दौरान पर्यटक वहां 30 दिनों तक रह भी सकते हैं।”
थाईलैंड में मिलती है भारतीय संस्कृति की झलक-
थाईलैंड एक बौद्ध बहुल देश है। हालांकि थाईलैंड में हिंदू देवताओं की मूर्तियों और मंदिरों भी बहुत आम है। दोनों देशों के बीच साझी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का लंबा इतिहास है, यही वजह है कि थाई बौद्ध हिंदू आराध्यों का आदर करते हैं। थाइलैंड में एक अयोध्या नगरी भी है। इसे अयुत्थया के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान राम का मंदिर भी बनवाया गया है। रामायण यहां का राष्ट्रीय ग्रन्थ है l जिसे थाई भाषा में ‘रामाकीन’ कहते हैं l थाई भाषा में रामाकीन का अर्थ है राम की गौरव गाथा।
यही वजह है भारतीय पर्यटकों को थाईलैंड भी खूब भाता है। बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक थाईलैंड जाते हैं। इस साल अब तक मलेशिया, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक भारत से गए हैं। भारत से इस साल अब तक 12 लाख पर्यटक थाईलैंड गए हैं। वहीं इससे पहले श्रीलंका ने भी भारतीयों के लिए वीजा फ्री कर दिया था। भारतीयों के लिए यहां वीजा फ्री एंट्री रखी गई है।
गौरतलब हो कि किसी भी देश में टूरिज्म अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा के लिए मजबूत योगदान देता है। ऐसे में कोरोना के बाद और तमाम वैश्विक संकट के बाद अभी भी कई देश पूरी तरह से रिकवरी नहीं कर पाए हैं। ऐसे में पर्यटन को बूस्ट करके अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हैं। थाईलैंड के अलावा श्रीलंका सरकार भी भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा नियमों में ढील दे चुकी है। 24 अक्टूबर को श्रीलंका के विदेश मंत्री ने बताया था कि उनकी सरकार ने 31 मार्च 2024 तक अपने देश में भारतीय पर्यटकों को वीजा फ्री एंट्री देने का फैसला लिया है। श्रीलंका ने भारत के अलावा भी 6 देशों के पर्यटकों के लिए वीजा फ्री इंट्री की घोषणा की है।