उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सियासी समीकरण बिगड़ गए हैं। भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद अखिलेश यादव को 5 साल प्रदेश की सियासत कोई खास काम नहीं है। बता दें कि इस चुनाव में अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीते हैं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय कानून राज्यमंत्री एसपी बघेल को हराया। अखिलेश मौजूदा समय में आजमगढ़ से भी लोकसभा सांसद हैं। ऐसे में अब चर्चा शुरू हो गई है कि अखिलेश यूपी विधानसभा में रहेंगे या लोकसभा में । लेकिन अब जो खबर आई है अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट छोड़ने जा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के केवल 5 सदस्य हैं। उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान भी रामपुर से विधानसभा सीट जीत गए हैं वह भी रामपुर से लोकसभा सांसद हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मैनपुरी से सांसद हैं। खराब स्वास्थ होने के चलते मुलायम सिंह लोकसभा सदन में और न ही राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। मुलायम अब आजम खान और अखिलेश यादव अपनी-अपनी सीटों से इस्तीफा देने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि अभी लोकसभा में समाजवादी पार्टी के केवल 5 सदस्य हैं और सियासी माहौल को देखते हुए पार्टी लोकसभा में कमजोर नहीं होना चाहती। ऐसे में अखिलेश यादव और आजम खान विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे सकते हैं। समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की झोली में 6-6 सीटें आई हैं। रालोद के खाते में 8 और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक 2 सीटों पर विजयी हुई है। वहीं भाजपा और गठबंधन दलों की सीटों की संख्या 275 है। जिससे भाजपा की 255 है। सपा को इस बार राज्यसभा में अपने उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाने में भी फायदा होगा। हालांकि अभी अखिलेश और आजम खान ने अपनी-अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा देने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।