मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नर चीता तेजस की मंगलवार को मौत हो गई। कूनो नेशनल पार्क में मॉनिटरिंग टीम को मंगलवार सुबह नर चीता तेजस घायल अवस्था में मिला। उसकी गर्दन पर घाव के निशान थे। एक्सपर्ट की टीम नर चीता तेजस को बाड़े से निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल ले गई। इलाज के दौरान ही तेजस ने दम तोड़ दिया। तेजस को लगी चोटों का पता लगाया जा रहा है। पोस्ट मॉर्टम के बाद मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा।
कूनो नेशनल पार्क की तरफ से कहा गया, “मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे मॉनिटरिंग टीम ने नर चीता तेजस को बेहोशी की हालत में देखा। उसकी गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोटों के निशान पाए गए। इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम ने पालपुर मुख्यालय पर मौजूद डॉक्टर्स की टीम को दी। टीम ने मौके पर पहुंचकर तेजस के चोटों का मुआयना किया। फिर उसे अस्पताल ले जाया गया। दोपहर लगभग 2 बजे नर चीता तेजस ने दम तोड़ दिया। उसके गर्दन के चोटों के बारे में जांच की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए गये चीतों में से अब तक 4 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। इसमें से छह साल का चीता ‘उदय’ भी शामिल है, जिसने अप्रैल में दम तोड़ा था। इससे पहले चीते ‘साशा’ की भी मौत हो गई थी। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक चार दम तोड़ चुके हैं। कूनो नेशनल पार्क में सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी। शासा कूनो नेशनल पार्क मौसम में ढल नहीं पाई और बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई। अब सिर्फ 16 चीते ही बचे हैं। वहीं, कमजोरी या बीमारी से 3 शावकों की भी मौत हो चुकी है।