उत्तराखंड के कोटद्वार की कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज फैसला सुना दिया है। कोटद्वार जिला कोर्ट ने इस मामले में 2 साल 8 महीने के बाद फैसला दिया है। कोटद्वार की (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) कोर्ट ने आज तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार दिया है। दोनों को दोषी करार देने के बाद कोर्ट ने उन्हें सजा भी सुना दी है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य दोषी पुलकित आर्या को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया। पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश कोर्ट ने दिया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्या को आज टिहरी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कोटद्वार लाया गया। कोर्ट परिसर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। पौड़ी गढ़वाल के एसएसपी लोकेश्वर सिंह खुद सुरक्षा पर नजर रखे हुए थे। कोर्ट के बाहर लोगों की भीड़ थी। लोगों को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तनाव किया गया ।
कोर्ट का फैसला आने से पहले अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र सिंह ने बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा- जिन दरिंदों ने उनकी निर्दोष बेटी को मारा, उन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए।
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 20 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी। वह यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी। 6 दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया गया। तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को मामले की पहली सुनवाई हुई थी।
करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए। हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया। गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था।