जोशीमठ में आपदा संकट के बीच शुक्रवार 20 जनवरी को भारी बर्फबारी ने राहत बचाव के कार्यों में बाधा डाल दी है। गुरुवार रात से ही उत्तराखंड में कई पहाड़ी इलाकों में भीषण बर्फबारी हुई। पहाड़ों की रानी मसूरी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। वहीं औली, बाबा केदारनाथ धाम पिथौरागढ़ समेत कई पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से मैदानी एरिया में ठंड बढ़ गई है । सबसे ज्यादा समस्या जोशीमठ में आ रही है। शहर में कई फीट बर्फ पड़ गिरी है। जहां एक ओर बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर धरने पर बैठे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं पहाड़ों की रानी मसूरी भी बर्फ की सफेद चादर से ढंक गई है। चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ में भारी बर्फबारी और बारिश के कारण मजदूर काम नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए जोशीमठ में चल रहा ध्वस्तीकरण कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने पर काम को फिर से शुरू किया जाएगा। चमोली जिले में एक दर्जन से अधिक गांव बर्फ से ढके हैं। बारिश और बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं। जिले में बारिश-बर्फबारी का दौर जारी रहा है। जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के साथ ही फूलों की घाटी, औली, गौरसों बुग्याल, रूद्रनाथ, लाल माटी, जोशीमठ नगर, सुतोल, कनोल, डुमक, कलगोठ, उर्गम, भेंटी, सुराईथोटा, भल्लागांव, पाणा, ईराणी, झींझी आदि गांवों में तड़के से बर्फबारी हो रही है। भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में असुरक्षित घोषित हो चुके ऐसे 21 भवन तोड़े जाएंगे। इनमें दो होटल, लोनिवि का गेस्ट हाउस ,तीन आवासीय भवन और जेपी कॉलोनी के 15 घर शामिल हैं।