जब-जब देश रफ्तार के साथ आगे बढ़ता है तब कोई न कोई वायरस उस पर ब्रेक लगा देता है। कुछ दिनों पहले तक ऐसा लग रहा था कि कोरोना महामारी अब लगभग खत्म हो चुकी है। इसी वजह से लोग पुरानी बातों को भुलाकर बेधड़क जिंदगी जीने लगे थे। लेकिन अब एक बार फिर नए जानलेवा वायरस ने देश में चिंता बढ़ा दी है। कर्नाटक, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक बार फिर जब तक यह खौफनाक वायरस बरकरार है तब तक चेहरे पर मास्क पहन लीजिए इसी में ही समझदारी भी है। मास्क पहनने में बिल्कुल भी शर्म मत करिए। मास्क बाहर की धूल मिट्टी के साथ किसी भी प्रकार के वायरस से आपको सबसे अधिक सुरक्षित रखता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस काफी संक्रामक है और यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, उसके खांसने और छींकने से फैलता है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड जैसे प्रोटोकॉल को अपनाते हुए इस वायरस के संक्रमण में आने से बचा जा सकता है। डॉक्टरों ने लोगों से नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है। देश में साल 2020 में कोरोना महामारी की ऐसी शुरुआत हुई कि पूरी तरह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इस समय कोरोना नहीं अब H3N2 का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हालांकि हेल्थ विभाग और एक्सपर्ट ने करीब 10 दिनों पहले ही इस खतरनाक वायरस को लेकर अलर्ट के साथ चेतावनी भी जारी कर दी थी। होली का त्योहार बीत गया अब एच3एन2 इन्फ्लुएंजा का वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और यह जानलेवा भी साबित होने लगा है। सूत्रों का कहना है कि इस वायरस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक मौत कर्नाटक में और दूसरी हरियाणा में हुई है। कर्नाटक के हासन में 82 वर्षीय व्यक्ति देश में H3N2 की वजह मरने वाला पहला व्यक्ति है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, किराए गौड़ा को 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि उन्हें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी थी।
देश में H3N2 के अब तक कुल 90 मामले मिल चुके हैं। जबकि H1N1 के 8 केस सामने आए हैं। भारत में इन्फ्लुएंजा वायरस के दो वैरिएंट का पता चला है जो लोगों को संक्रमित कर रहा है। बीते कुछ महीनों से देश में इस फ्लू के मामले बढ़े हैं। ज्यादातर लोग एच3एन2 वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसे ‘हांगकांग फ्लू’ के नाम से भी जाना जाता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है।
अभी फिलहाल देश में इस वायरस की जांच सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही है। प्राइवेट लैब में ही इन्फ्लूएंजा की जांच उपलब्ध है। अभी देशभर में इसके 90 मरीज ही सामने आए हैं। वहीं, देश में 67 दिन बाद कोरोना वायरस के एक्टिव केस 3 हजार से ज्यादा हो गए हैं। सूअर से आए इन्फ्लुएंजा वायरस H3N2 के संक्रमण के मामले भी काफी तेजी से दर्ज किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार चल रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। कोविड की तरह ही इस वायरस से बचने के लिए मास्क लगाने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है।
ये वायरस सूअरों से मनुष्य में पहुंचा है। आमतौर पर सूअरों में फैलने वाले वायरस “स्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस” होते हैं। जब ये वायरस इंसानों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें “वैरिएंट” वायरस कहा जाता है। 2011 में एवियन, स्वाइन और 2009 में H1N1 महामारी वायरस के साथ एक विशिष्ट H3N2 वायरस का पता चला था। यह वायरस 2010 में सूअरों में फैल रहा था और पहली बार अमेरिका में मनुष्य में 2011 में इसका पता चला था। संक्रमण के लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और इसमें बुखार और सांस संबंधी लक्षण, जैसे कि खांसी और नाक बहना और संभवतः अन्य लक्षण, जैसे शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त शामिल हो सकते हैं। कई मामलों में तेज ठंड लगना, तेज बुखार, जी मिचलाना, उल्टी करना, गले में दर्द/गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, दस्त आदि लक्षण भी देखे जाते हैं। इन्फ्लुएंजा वायरस H3N2 का संक्रमण कभी-कभी स्वस्थ लोगों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। इस संक्रमण के बढ़ने से निमोनिया हो सकता है। इससे मुश्किल बढ़ सकती है और आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इस संक्रमण से कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में इसे हल्के में न लें।एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पिछले दिनों H3N2 इन्फ्लुएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना के जैसे ही फैलता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें। बुजुर्गों और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है।