यूपी में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भाजपा और सपा के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब सत्ता और विपक्ष के बीच मतगणना से पहले लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर लगातार ईवीएम मशीन को लेकर निशाना साथ रहे हैं। इसी को लेकर वाराणसी में मंगलवार दोपहर से शुरू हुआ बवाल देर रात तक होता रहा। एग्जिट पोल्स के बाद यूपी में सपा और भाजपा के बीच ईवीएम मशीन को लेकर बवाल शुरू हो गया है। इटावा में मंगलवार रात सपा का कार्यकर्ता मतगणना स्थल पर पहरेदारी करते रहे। बता दें कि समाजवादी पार्टी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रही है। मतगणना से पहले अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है। अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल में दस मार्च को मतगणना के लिए सूबे में 81 प्रभारी नामित किए हैं। अखिलेश ने 10 मार्च मतगणना से पहले पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को जहां-जहां ईवीएम मशीन रखी गई है, निगरानी करने के लिए आदेश दिए हैं। अपने नेता के आदेश पर सपा कार्यकर्ता यूपी के सभी जनपदों में ईवीएम की निगरानी के लिए मुस्तैद हो गए हैं। मेरठ के हस्तिनापुर में सपा प्रत्याशी तो कई दिनों से दूरबीन लेकर ईवीएम की निगरानी करने में लगे हुए हैं। इसके साथ इटावा, मैनपुरी, आजमगढ़ और बरेली आदि जनपदों में सपा कार्यकर्ता एवं की पहरेदारी में लगे हुए हैं। वाराणसी में तो ईवीएम मशीन ट्रक में मिलने पर सपा कार्यकर्ता बवाल करते रहे। हालांकि मंगलवार रात नवनीत सहगल ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव में इस्तेमाल सभी ईवीएम स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ के कब्जे में है। उधर सपा के प्रतिनिधिमंडल ने इन मामलों की शिकायत चुनाव आयोग से की । इसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रेस नोट भी जारी किया है।

