(Jammu Kashmir assembly election election commission) : इस साल के आखिर नवंबर या दिसंबर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में भी अब धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव की आहट शुरू हो गई है। हालांकि निर्वाचन आयोग कई महीनों से राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर परिसीमन के कार्य में जुटा हुआ था। अब मतदाता सूची में संशोधन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। हालांकि इस साल जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने के आसार बहुत कम हैं। लेकिन अभी से चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग में अब बड़ा फैसला लिया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी ह्रदेश कुमार ने आदेश जारी किया है कि राज्य में रह रहे गैर कश्मीरी लोग भी अब वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराकर वोट डाल सकेंगे। ह्रदेश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में तैनात आर्म्स फोर्स के जवान, अफसर भी मतदादा सूची में अपना नाम शामिल कराकर वोट कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। ह्रदेश कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस बार के विधानसभा चुनाव में 25 लाख नए वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में जुड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी, छात्र, सैनिक, मजदूर और कोई अन्य गैर स्थानीय भी जो कश्मीर में रह रहा है, वो वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकता है। वोटर लिस्ट में उसका नाम शामिल करने के लिए चुनाव आयोग को उसे स्थानीय निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है । चुनाव आयोग की घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, भाजपा चुनाव से पहले डर गई है। इन लोगों को कश्मीर का सपोर्ट नहीं मिलने जा रहा है। ऐसे में बाहरी लोगों के बूते पर सरकार में आने की कोशिश कर रही है। पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, पहले कश्मीर में चुनाव स्थगित करवाना और फिर अब बाहरी लोगों को वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के पीछे क्या मंशा है? दिल्ली वाले कश्मीर पर सख्त शासन करना चाहती है।