9 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद आज मंगलवार 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगना चाह रहा था। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है। वहीं, सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ‘हमारी सेना ने चीनी फौज को बहादुरी से जवाब दिया है’। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि चीन ने सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने का काम किया। चीन के सैनिकों को पीछे जाना पड़ा। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की।इससे पहले बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, विदेश सचिव एवं रक्षा सचिव भी शामिल थे।
वहीं, डिफेंस सोर्स का हवाला देते हुए न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने बताया, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी देंगे। सुरक्षा बलों ने उन्हें हाल ही में तवांग में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बारे में अपडेट किया। कांग्रेस के कुछ सांसदों ने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं। तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई। कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी।