यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप, जुबानी जंग और एक दूसरे पर तीखे प्रहार किए गए। 7 मार्च को प्रदेश में चुनाव के सातों चरण खत्म हो चुके हैं।अब 10 मार्च गुरुवार को चुनाव के नतीजे आएंगे। लेकिन मुझसे पहले भाजपा और सपा के बीच अब ईवीएम को लेकर तकरार चरम पर पहुंच गई है। इसी को लेकर मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए योगी सरकार और उनके आला अधिकारियों पर कई आरोप लगाए। अखिलेश ने उन्होंने मतगणना से पहले भाजपा सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि वाराणसी में ईवीएम को इधर-उधर किया जा रहा है। जहां बीजेपी हार रही है, उन जिलों के डीएम के पास मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव का फोन जा रहा है। काउंटिंग धीमी रखिएगा। उन्होंने कहा कि बनारस में ईवीएम का एक ट्रक पकड़ा गया है। एक ट्रक भाग गया है। इस आरोप के बाद भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव पर हमला बोला। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान माहौल को खराब करने की कोशिश है। किसी अधिकारी और आयोग पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता है। परिवारवाद की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव भाजपा लोकतंत्र की रक्षक है, परिवारवाद से बचाने की रक्षक है। उन्होंने कहा कि अखिलेश का यह बयान अपनी बौखलाहट और घबराहट में दिया है। योगी सरकार के कानून मंत्री
और लखनऊ की कैंट विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी
ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी पर कोई बयान नहीं देना चाहता, उनकी ओर से ऐसे बयान आते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 10 मार्च को भाजपा सत्ता पर काबिज होने जा रही है, 300 सीटें पार करेंगे। यूपी की जनता ने उनके उपद्रव को देखा है और नकारा है। ऐसे ही केंद्रीय वित्त राज्य मत्री अनुराग ठाकुर ने ईवीएम पर सवाल उठाए जाने पर निशाना साधा। ठाकुर ने कहा कि अखिलेश यादव शुरू से ही ईवीएम मशीन को लेकर आरोप लगाते रहे हैं।