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पिछले कई महीनों से शिवसना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मौजूदा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना और उसके सिंबल तीर-धनुष को लेकर लड़ाई चली आ रही थी। मामला कोर्ट में भी पहुंचा। लेकिन शुक्रवार शाम को चुनाव आयोग ने फैसला सुनाते हुए उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दे दिया। आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना का वारिश बता दिया। आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। चुनाव आयोग के इस बड़े फैसले के बाद जहां एकनाथ शिंदे और भाजपा खेमे में जश्न का माहौल है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने आयोग के इस फैसले को लेकर रोष जताया है। उद्धव ठाकरे ने मीडियाकर्मियों से हिंदी में बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जब मीडियाकर्मी उद्धव ठाकरे से मराठी में बात कर रहे थे तब उन्होंने जवाब नहीं दिया और हिंदी में ही अपनी बात रखी।
शिवसेना एकनाथ शिंदे के पास जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है…सभी उनके गुलाम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।